करनाल। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों के समर्थन में अब डब्ल्यूडब्ल्यूई व‌र्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप के पहले भारतीय विजेता द ग्रेट खली भी उतर आए हैं। रिंग में बड़े-बड़े दिग्गजों को धूल चटा देने वाले खली ने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि किसानों से पंगा लेना सरकार के लिए भारी पड़ जाएगा। उन्होंने देश के लोगों से किसानों के साथ खड़े होने की अपील की है ताकि सरकार उनकी मांगों को स्वीकारने के लिए मजबूर हो जाए।



सोशल मीडिया पर महाबली खली का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है। खली ने वीडियो में कहा है, 'किसानों से अनाज चंद पैसों में लेकर आम आदमी को 200 रुपए में बेच दिया जाएगा। उससे भी ज्यादा नुकसान दिहाड़ी मजदूरों का है। इस कानून की वजह से रेहड़ी वालों और आम इंसानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ेगा।'



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सरकार को भारी पड़ेगा पंगा



महाबली खली ने इस दौरान मोदी सरकार को पंगा न लेने तक की चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा, 'सभी लोग किसानों के साथ खड़े रहें ताकि सरकार इनकी मांगों को मानने के लिए मजबूर हो जाए। पंजाबी और हरियाणवियों से सरकार का पाला पड़ा है यह उनके लिए बहुत भारी पड़ेगा। हमारे साथ आया पूरा जत्था 6 महीने का राशन लेकर आया है और जबतक सभी मांगें पूरी नहीं होंगी तबतक वापस नहीं लौटेंगे।'





दरअसल, कुरुक्षेत्र सीमा स्थित करनाल जिले के समाना बाहू गांव के समीप खली बीते कुछ समय से अपनी एकेडमी तैयार कर रहे हैं। करीब 45 एकड़ ज़मीन पर बन रहे इस प्रोजेक्ट की कमान खली ने खुद अपने हाथ में ले रखी है। इसीलिए वह काफी समय यहां बिता रहे हैं। पंजाब के जालंधर से अक्सर यहां आने वाले खली जब एकेडमी की साइट पर पहुंचे तो चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाईवे पर लगातार दिल्ली का रुख कर रहे किसानों को देखकर अचानक उनके बीच पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने किसानों की खूब हौसला-अफजाई की और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।



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बता दें कि 26 नवंबर से दिल्ली और हरियाणा के बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे हैं। किसान केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार ने बढ़ते आंदोलन को देख मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं से बातचीत करने के लिए बुलाया था। हालांकि यह बैठक बेनतीजा रही थी। अब गुरूवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच दूसरे दौर की बातचीत होगी।