नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा दो हजार रुपए के नोट वापस लेने के फैसले पर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ये 2000 का एक्‍सचेंज प्रोग्राम नहीं हैं। ये कालाधन रखने वालों का भव्‍य स्‍वागत का प्रोग्राम है। गौरव वल्लभ ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि यह नोट वापसी की ये प्रक्रिया ब्लैकमनी के लिए विंडो बनाई गई है। कोई भी कितना भी नोट जमा करा सकता है कोई पूछने वाला नहीं है।



गौरव वल्लभ ने कहा, "ये 2 हजार का एक्‍सचेंज प्रोग्राम नहीं हैं। ये कालाधन रखने वालों का भव्‍य स्‍वागत का प्रोग्राम है। ब्‍लैकमनी के ल‍िए व‍िंडो बनाई गई है ताक‍ि 30 स‍ितंबर तक ज‍ितने नोट जमा करने हैं, करा लीज‍िए। कोई पूछने वाला नहीं है- आप कौन हैं? आपका पता क्‍या है? आपकी आय का स्रोत क्‍या है?"





कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "अगर एक व्यक्ति एक बार में ₹2000 के 5 नोट बदलता है तो बैंकों को अगले 4 महीने में 36 करोड़ ट्रांजैक्शन करने होंगे। एक लेन-देन में 4 मिनट भी लगे तो अगले 4 महीने में नोट बदलने में बैंकों के लगभग 2.5 करोड़ घंटे लगेंगे। यानी अगले 4 महीनों में बैंक की शाखाएं सिर्फ एक्सचेंज में व्यस्त रहेंगी।" उन्होंने आगे कहा कि, "हम ये मांग करते हैं कि एक श्वेत पत्र लाया जाए। ये बताया जाए कि 2 हजार के नोट क्यों लाए गए और अब इन्हें वापस क्यों लिया जा रहा है? देश इ सवालों के जवाब चाहता है।"



बता दें कि मंगलवार से 2000 रुपए नोटों को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इससे पहले नोटों को बदलने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से गाइडलाइंस जारी की गई थी। गाइडलाइंस के मुताबिक, बैंकों में एक बार में 20,000 रुपये तक के 2000 के नोट आप बदल सकते हैं। इसके अलावा बैंक अकाउंट में 2000 रुपये के नोट को जमा करने की कोई सीमा नहीं होगी। इसके लिए बैंक के बेसिक डिपॉजिट नियमों का पालन करना पड़ेगा। RBI के मुताबिक 2000 रुपये के नोट बदलने के लिए किसी भी तरह के फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है।