नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, सभी राज्यपाल और सांसदों की सैलरी में एक साल तक 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। इसके अलावा सांसदों को मिलने वाली निधि भी 2022 तक रोक दी जाएगी। सांसदों को 10 करोड़ की रकम क्षेत्र के विकास के लिए मिलती है। वेतनमान में की गई कटौती और सांसद निधि की रकम कंसोलिडेटेड फंड में जाएगी।

कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने बताया। इसको लेकर केन्द्र सरकार आज अध्यादेश जारी करेगी।  उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी। 1 अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30 फीसदी तक कम किया जाएगा।

14 के बाद क्‍या, एक्‍शन प्‍लान बनाएं

कोरोना वायरस के चलते खड़े हुए संकट से निपटने के लिए मोदी ने लॉकडाउन के बाद के एक्शन प्लान पर काम करने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि वे उन इलाकों में विभागों को धीरे-धीरे खोलने की योजना बनाएं, जो कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के रूप में नहीं उभरे हैं।  मोदी ने मंत्रियों से 10 बड़े फैसलों और 10 प्राथमिकताओं की सूची बनाने को कहा है। 21 दिन के लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को खत्म हो रही है।

देश में कोरोना से 132 लोगों की मौत

सोमवार को देश में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 4 हजार 405 हो गई है। सबसे ज्यादा 33 मामले महाराष्ट्र में सामने आए। देश में अब तक कोरोना से 132 मौतें हुई हैं, इनमें सबसे ज्यादा 46 महाराष्ट्र में ही हुई हैं। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सोमवार सुबह 9 बजे तक संक्रमितों की संख्या 4 हजार 67 है। इनमें से 291 ठीक हो चुके हैं, जबकि 109 मरीजों की मौत हुई है।