कोलकाता। पश्चिम बंगाल में छिड़े चुनावी रण के बीच बीजेपी ने सेल्फ गोल कर दिया है। और यह सेल्फ गोल किसी और ने नहीं बल्कि खुद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने किया है। मां दुर्गा को लेकर दिए विवादित बयान पर दिलीप घोष और बीजेपी को तृणमूल कांग्रेस ने बुरी तरह घेर लिया है। तृणमूल कांग्रेस एक के बाद एक दिलीप घोष और बीजेपी पर हमला बोल रही है।

दरअसल हिंदी न्यूज़ चैनल आजतक के कार्यक्रम में दिलीप घोष ममता बनर्जी पर हमला करने के चक्कर में  भगवान राम और मां दुर्गा की तुलना करने लगे। बोलते-बोलते दिलीप घोष इतना बहक गए कि मां दुर्गा के बारे में कुछ ऐसा बोल गए जिस पर विवाद खड़ा हो गया।

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर दिलीप घोष ने कहा, "भगवान राम एक राजा थे। कोई अवतार मानता है उनको। उनके चौदह पूर्वजों का नाम भी मिलेगा आपको। दुर्गा का मिलेगा क्या? तो इसलिए एक राजा, एक सुशासक मर्यादा पुरुषोत्तम ऐसा माना जाता है। तो एक आदर्श पुरुष, मर्यादा पुरुषोत्तम एक राजा। गांधी जी ने रामराज्य की कल्पना हमको दी है। दुर्गा पता नहीं कहां से आ जाती हैं?" दिलीप घोष के इस बयान पर बवाल मचा हुआ है। घोष का बयान बीजेपी के लिए गले की फांस बन गया है। सबसे पहले तो इंडिया टुडे के उसी मंच पर बैठीं टीएमसी नेता काकोली घोष दस्तीदार ने तुरंत ही दिलीप घोष के बयान पर सख्त एतराज़ जाहिर करते हुए उसे शर्मनाक और हिंदू समाज का अपमान बताते हुए तीखा हमला किया। इसके बाद पूरे बंगाल में बीजेपी को इस मुद्दे पर निशाना बनाया जाने लगा।

दिलीप घोष के बयान पर बुरी तरह घिरी बीजेपी अब इस मसले पर सफाई देने की कोशिश कर रही है। पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई अब दावा कर रही है कि टीएमसी नेता दिलीप घोष के बयान का गलत अर्थ निकालकर गलत प्रचार कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी के लिए मुश्किल यह है कि उनके प्रदेश अध्यक्ष का पूरा बयान कैमरे के सामने दिया गया है, जिससे पल्ला झाड़ना आसान नहीं होगा। 

बीजेपी भले ही कुछ भी कह रही हो लेकिन दिलीप घोष के बयान ने टीएमसी को उसे घेरने का जबरदस्त अवसर दे दिया है। ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने दक्षिण 24 परगना की एक रैली में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग मां दुर्गा का अपमान करते हैं, मां सरस्वती का अनादर करते हैं। यह बंगाल की संस्कृति का अपमान है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं को महिलाओं का झुककर सम्मान करना सीखना होगा। अगर खुद से नहीं सीखेंगे तो बंगाल की संस्कृति उन्हें सब कुछ सिखा देगी।