कोलकाता। पश्चिम बंगाल की बीरभूम से सांसद शताब्दी रॉय तृणमूल कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी। इसकी पुष्टि खुद शताब्दी रॉय ने कर दी है। शताब्दी रॉय ने बीजेपी में शामिल होने की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि मैं ममता बनर्जी के कारण ही राजनीति में आई थी और अब भी टीएमसी के साथ हूं।

दरअसल यह सारी अटकलें शताब्दी रॉय की एक फेसबुक पोस्ट के बाद लगनी शुरू हो गई थीं। टीएमसी सांसद ने अपने फेसबुक पोस्ट में अपना दर्द बयां करते हुए कहा था कि उन्हें अपने क्षेत्र के लोगों से मिलने नहीं दिया जाता है। रॉय ने पार्टी प्रति अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा था कि 'मुझसे लोग पूछते हैं कि मैं पार्टी के कार्यक्रमों में क्यों नहीं दिखती हूं? दरअसल मुझे किसी कार्यक्रम के बारे में सूचित ही नहीं किया जाता।'

शताब्दी रॉय के इस बयान के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज़ हो गई। मीडिया में तो यहां तक खबरें आ गई कि शनिवार सुबह शताब्दी रॉय केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली जा सकती हैं। लेकिन राज्य की सियासत में आए इस भूचाल के बाद ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने डैमेज कंट्रोल कर लिया। 

शताब्दी रॉय और अभिषेक बनर्जी की एक बैठक हुई जो तकरीबन एक घंटे चली। बैठक के बाद शताब्दी रॉय ने खुद तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया। शताब्दी रॉय ने कहा कि मैं तृणमूल कांग्रेस के साथ हूं। टीएमसी नेता ने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने पार्टी से उनकी शिकायतों को दूर कर दिया है। रॉय ने कहा कि 'मैं ममता बनर्जी के कारण ही राजनीति में आई थी। और मैं उन्हीं के साथ हूं।' 

पिछले कुछ अरसे के दौरान पार्टी के कई नेता दल-बदलकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, जिससे इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में टीएमसी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लगातार दस साल तक प्रदेश की सत्ता में रहने की वजह से सत्ता विरोधी भावनाओं का सामना भी इस बार ममता बनर्जी को करना है। ऐसे में शताब्दी रॉय को मनाने में मिली कामयाबी तृणमूल कांग्रेस के लिए बड़ी राहत की खबर है।