नई दिल्ली/अगरतला। पश्चिम बंगाल का असर अब त्रिपुरा की सियासत पर भी दिखने लगा है। राज्य के कई बीजेपी नेताओं के टीएमसी में शामिल होने की अटकलें तेज़ हो गई हैं। इन अटकलों के बीच बीजेपी आलाकमान ने वरिष्ठ नेताओं को नाराज़ विधायकों से बात करने के लिए त्रिपुरा भेजा है। 

बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, त्रिपुरा प्रभारी फणींद्र नाथ शर्मा की त्रिपुरा में हुई बैठक के बाद से ही यह अटकलें तेज़ हो गईं कि किसी भी समय बीजेपी में टूट हो सकती है, जिसका सीधा फायदा तृणमूल कांग्रेस उठा सकती है। इसीलिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता अपने कुनबे के विधायकों की नाराज़गी दूर करने के लिए त्रिपुरा पहुंचे हैं। 

हालांकि त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष माणिक सहा ने इन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। माणिक सहा ने कहा है कि पार्टी में सबकुछ ठीक है, और किसी भी मतभेद पार्टी खुद ही सुलझा लेगी। लेकिन त्रिपुरा के सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज है कि त्रिपुरा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और विधायक सुदीप रॉय समेत बीजेपी के तमाम विधायक वापस टीएमसी शामिल हो सकते हैं, जो 2017 में टीएमसी को छोड़कर बीजेपी में आए थे।

दरअसल बीजेपी विधायकों में नाराज़गी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव को लेकर है। पिछले साल सुदीप रॉय सहित बीजेपी के 6 विधायकों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी इस मसले पर मुलाकात की थी। पिछले साल जुलाई में बीजेपी के प्रभारी विनोद सोनकर के त्रिपुरा दौरे के दौरान भी बीजेपी के कुछ नेताओं ने बिप्लब हटाओ, बीजेपी बचाओ का नारा बुलंद किया था। 

वहीं सुदीप रॉय के एक करीबी विधायक ने अंग्रेज़ी के एक प्रमुख अख़बार को बताया कि उनका टीएमसी में जाने का कोई इरादा नहीं है। हां, यह सही है कि पार्टी के साथ मतभेद है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम टीएमसी में शामिल होने वाले हैं। 

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दूसरी तरफ त्रिपुरा के टीएमसी अध्यक्ष आशीष लाल सिंह ने कहा है कि बंगाल में ममता बनर्जी की प्रचंड जीत के बाद से त्रिपुरा में पार्टी का प्रभाव बढ़ा है। आशीष लाल सिंह ने दावा किया कि पिछले दो हफ्तों में लगभग 11,300 लोगों ने टीएमसी की सदस्यता ली है। यह सभी बीजेपी और सीपीआईएम के सदस्य थे। 

बीजेपी के कुछ नेताओं की घर वापसी के सवाल पर आशीष लाल सिंह ने साफ तौर पर कहा कि इसे लेकर कोई भी निर्णय ममता बनर्जी ही लेंगी। उन्हीं का फैसला अंतिम फैसला होगा। हम हर व्यक्ति के साथ काम करना चाहते हैं। हालांकि मामता बनर्जी खुद यह बात कह चुकी हैं कि वो ऐसे किसी भी व्यक्ति को टीएमसी में वापस शामिल नहीं करेंगी, जिन्होंने टीएमसी की बुराई की।