नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार और सोशल मीडिया साइट ट्विटर के बीच विवाद अब एक नया रूप लेता जा रहा है। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू का ब्लू टिक हटाने और बहाल करने के बाद कंपनी ने अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ट्विटर ने एक ही झटके में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत आरएसएस के कई बड़े नेताओं से ब्लू टिक वेरिफिकेशन छीन लिया है।

ट्विटर पर दो लाख से ज्यादा फॉलोवर्स वाले संघ प्रमुख मोहन भागवत का अकाउंट अनवेरिफाइड कैटेगरी में डाल दिया गया है। भागवत के अलावा आरएसएस के सह सर कार्यवाहक सुरेश सोनी, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार, सुरेश जोशी और कृष्णगोपाल को भी ब्लू टिक से हाथ धोना पड़ा है। बता दें कि आज ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सर संघचालक गोलवलकर उर्फ गुरुजी की पुण्यतिथि भी है तो दोनों कारणों से आरएसएस ट्विटर पर सुबह से ट्रेंड कर रहा है। 

ट्विटर के इस एक्शन के बाद बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ता बिफर पड़े हैं। वे कंपनी को एंटी नेशनल करार देते खूब भला बुरा कह रहे हैं। इसके पहले ट्विटर ने आज ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल ट्विटर हैंडल से वेरिफाइड ब्लू टिक वापस ले लिया था। हालांकि थोड़ी ही देर बाद उनके अकाउंट को दोबारा वेरिफाई कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि निष्क्रिय होने की वजह से उनका ब्लू टिक छीना गया था। ट्विटर ने कहा कि यह अकाउंट जुलाई 2020 से सक्रिय नहीं था।

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माना जा रहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत व आरएसएस के अन्य नेताओं के अकाउंट्स से भी वैरिफाइड ब्लू टिक वापस इसीलिए किए गए हैं क्योंकि वे निष्क्रिय थे। मोहन भागवत के ट्विटर हैंडल को ही देखा जाए तो उनका अकाउंट साल 2019 में बना हुआ है। लेकिन अबतक उन्होंने एक भी ट्वीट या रिट्वीट नहीं किया है। वे फॉलो भी सिर्फ आरएसएस के आधिकारिक अकाउंट को करते हैं। बहरहाल अब देखना ये है कि ट्विटर के इस एक्शन पर केंद्र की ओर से क्या कार्रवाई की जाती है।