श्रीनगर। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने का एक साल पूरा होने पर पूरी कश्मीर घाटी में दो दिन का कर्फ्यू लगा हुआ है। लेकिन चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच भी एक आतंकी हमले में घाटी के कुलगाम में एक सरपंच बुरी तरह से घायल हो गए। वहीं पुलवामा में हुए के दूसरे हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने अखरान गांव के सरपंच आरिफ अहमद के घर पर चार अगस्त की शाम को हमला किया और उन्हें बहुत पास से गोली मारकर घायल कर दिया। गोली उनके सीने में लगी और उनकी हालत बहुत गंभीर बताई जा रही है।

सरपंच आरिफ अहमद बीजेपी से जुड़े हुए थे। बीजेपी प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने इस बर्बर हमले की निंदा की है। पिछले साल दिसंबर में हुए पंचायत चुनावों के बाद घाटी में अब तक दो सरपंचों की हत्या हो चुकी है।

इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने अपने आवास पर मुख्यधारा के सभी नेताओं की बैठक बुलाई है। हालांकि, ज्यादातर नेता अभी भी नजरबंद हैं। ऐसे में इस बैठक का होना मुश्किल माना जा रहा है। फारुख अब्दुल्ला ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हां, मैंने बैठक बुलाई है। लेकिन आप देख ही रहे हैं कि कैसे मेरे घर के बाहर सुरक्षा गाड़ियां तैनात करके रास्ते बंद कर दिए गए हैं। क्या यही सरकार है?”

बताया जा रहा है कि फारुख अब्दुल्ला ने पीडीपी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के कुछ नेताओं को बुलाया है। इस बात की पुष्टि पीडीपी नेता वहीद पारा ने की। हालांकि, उन्होंने भी कहा कि इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि सरकार ये बैठक होने देगी या नहीं। अगर यह बैठक होती है तो यह एक साल बाद घाटी में हुई पहली राजनीतिक बैठक होगी।