मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को एक भावुक पत्र लिखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना चीफ ठाकरे ने शिवसैनिकों के नाम जारी चिट्ठी में कहा है कि गुजराती गृहमंत्री शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। ठाकरे ने इस पत्र में पूर्व सीएम व बीजेपो नेता देवेंद्र फडणवीस को भी निशाने पर लेते हुए आरोप लगया है कि वे जानबूझकर अनजान बने रहे।

दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह दो दिन पहले ही महाराष्ट्र दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार और उद्धव ठाकरे को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने शिवसेना पर तंज कसते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान वे अपनी फोटो से ज्यादा बड़ी तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी की लगाते थे। इतना ही नहीं शाह ने ठाकरे पर वादाखिलाफी और झूठ बोलने का आरोप भी लगाया था। सिंधुदुर्ग में एक निजी मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन समारोह में शाह ने कहा था, 'शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बाल ठाकरे द्वारा तय किए गए मानकों को दरकिनार कर दिया।'

अमित शाह ने महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी को अपवित्र करार देते हुए कहा था कि, 'यह लोगों के जनादेश को धोखा देकर बनाया गया एक अपवित्र गठबंधन है, जबकि जनादेश देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना के लिए मिला था।' शाह ने आगे कहा कि उनकी पार्टी अपने वचन का सम्मान करती है और बंद कमरे में कोई भी बात नहीं करती। शाह ने बिहार का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि हमारी पार्टी खुले में फैसलों की जनकारी देती है।

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शाह के इस बयान पर शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना के संपादकीय में पूछा कि, 'क्या साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस का सीएम के रूप में तड़के शपथग्रहण करना भी उसी खुलेपन का उदाहरण है जिसकी बात शाह कर रहे हैं। शिवसेना ने आगे कहा कि राज्य में सरकार जाने की कुंठा के कारण वे ऐसी बातें कर रहे हैं।

साल 2019 में विधानसभा नतीजे आने के बाद शिवसेना ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए गठबंधन तोड़ लिया था। मुख्यमंत्री पद को लेकर उपजे इस विवाद के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा था कि तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके घर आकर वादा किया था कि सीएम का पद दोनों पार्टियों में साझा किया जाएगा, लेकिन नतीजे आने के बाद वे वादे से पलट गए। इस दौरान बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने अचानक एक नाटकीय घटनाक्रम में एनसीपी नेता अजीत पवार के समर्थन के आधार पर तड़के राजभवन में गुपचुप तरीके से सीएम पद की शपथ ले ली थी। हालांकि बाद में बहुमत न होने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसी के बाद शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई।