नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली ज़िले में नदी के फटने से भारी तबाही मची हुई है। इस तबाही में कई लोगों के बहने की आशंका है। ग्लेशियर के फटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है। ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का बाँध टूट गया है। इसको लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि गंगा की सहायक नदियों पर कभी पावर प्रोजेक्ट नहीं बनने चाहिए। उमा भारती ने कहा है कि जब वे जल संसाधन मंत्री थीं तब उन्होंने इस संबंध में एक एफिडेविट भी दिया था।



उमा भारती ने कहा, 'जब मैं मंत्री थी तब अपने मंत्रालय के तरफ़ से हिमालय उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो ऐफ़िडेविट दिया था उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है इसलिए गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नही बनने चाहिएँ तथा इससे उत्तराखंड की जो 12 % की क्षति होती है वह नैशनल ग्रिड से पूरी कर देनी चाहिये।'





यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से तबाही, ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुक़सान



हरिद्वार में  हैं उमा भारती 

उत्तराखंड के चमोली ज़िले में मची तबाही के बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती कल ही हरिद्वार पहुंची हैं। उमा भारती ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा है कि हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है। उमा भारती ने कहा है, 'कल मैं उत्तरकाशी में थी आज हरिद्वार पहुँची हूँ। हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है यानी कि तबाही हरिद्वार आ सकती है । यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता एवं चेतावनी दोनो का विषय है।' 





उमा भारती ने कहा है कि जोशीमठ से 24 किलोमीटर पैंग गांव ज़िला चमोली उत्तराखंड के ऊपर का ग्लेशियर फिसलने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट ज़ोर से टूटा और एक तबाही लेकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मैं गंगा मैया से प्रार्थना करती हूँ कि माँ सबकी रक्षा करें, प्राणिमात्र की रक्षा करें। उमा भारती ने कहा, 'मैं इस दुर्घटना से बहुत दुःखी हूँ । उत्तराखंड देवभूमि है । वहाँ के लोग बहुत कठिनाई जा जीवन जी कर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते है । मैं उन सबके रक्षा के लिये भगवान से प्रार्थना करती हूँ।'