उत्तराखंड हादसे में अब तक 10 शव निकाले गए, 100 से ज़्यादा लापता, तपोवन टनल से 16 लोग बचाए गए

ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी पर बना पावर प्रोजेक्ट तबाह, प्रोजेक्ट में काम करने वाले सौ से ज़्यादा लोग लापता, राज्य के कई इलाक़ों में अलर्ट, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पूरा देश उत्तराखंड के साथ

Updated: Feb 07, 2021, 12:58 PM IST

Photo Courtesy: Aaj Tak
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चमोली। उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से मची भारी तबाही के बीच अब तक दस शव निकाले जा चुके हैं। जबकि सौ से ज्यादा लोग अब तक लापता हैं। राज्य के मुख्य सचिव पहले ही आशंका जाहिर कर चुके हैं कि इस हादसे में सौ से डेढ़ से लोगों की मौत हो सकती है। इस बीच बचाव और राहत के काम में लगी टीम को तपोवन के टनल से सोलह लोगों को निकालने में कामयाबी मिली है। लेकिन अब भी बड़ी संख्या में लोगों के जगह-जगह फंसे होने की आशंका है। 

बताया जा रहा है कि ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा नदी पर बने पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है। ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हादसे वाली जगह पर पहुंच गए हैं और वहां मौजूद स्थानीय अधिकारियों से बात करके हालात का जायजा ले रहे हैं। 

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आज सुबह चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में अचानक ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी में आई इस बाढ़ के कारण जोशीमठ के पास बने तपोवन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का बांध भी टूट गया है। ITBP और SDRF की टीमें बचाव और राहत के काम में जुट गई हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब से थोड़ी देर पहले बताया कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी और समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ऋषिगंगा और अलकनंदा नदी में तेजी से बढ़े पानी को आसानी से निकलने देने के लिए टिहरी डैम से बहने वाले पानी को रोक दिया गया है। साथ ही नदी के किनारे और निचले इलाकों में बसे तमाम गांवों और खाली करा लिया गया है। इसके अलावा श्रीनगर डैम से पानी के बहाव को बढ़ा दिया गया है, ताकि आपदा के कारण ऊपर से आने वाले पानी के तेज़ बहाव को संभाला जा सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने दुर्घटना की खबर मिलने के बाद ट्वीट करके हालात पर लगातार नज़र रखने की बात कही है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "मैं उत्तराखंड की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूँ। पूरा देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राज्य के सभी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है। मैं लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहा हूँ और NDRF की तैनाती, बचाव और राहत के कामों के बारे में जानकारी ले रहा हूँ।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी, DG ITBP व DG NDRF से बात की है। सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से Airlift करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। वहाँ की स्थिति को निरंतर मॉनिटर किया जा रहा है। 

ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही को देखते हुए श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत अन्य जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एस ए मुरूगेशन जोशीमठ के लिए रवाना हो गए हैं।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि NDRF की तीन टीमें देहरादून से रवाना हो चुकी हैं। तीन और टीमें भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद से शाम तक वहां पहुंच जाएंगी । ITBP की दो टीमें पहले ही मौके पर पहुंच चुकी हैं। SDRF और स्थानीय प्रशासन के लोग मौके पर पहले से ही राहत और बचाव के काम में जुटे हुए हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा पर दुख जाहिर करते हुए कांग्रेस के लोगों से राहत के काम में हाथ बंटाने की अपील की है। राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, "चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएँ उत्तराखंड की जनता के साथ हैं। राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दें। कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएँ।"

 

मुख्यमंत्री रावत की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की आशंका है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की आशंका है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है।"

मुख्यमंत्री रावत ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे कोई भी पुराने वीडियो शेयर कर पैनिक ना फैलाएँ और धैर्य बनाए रखें। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक धौलीगंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। कुछ लोगों के नदी में बह जाने की भी खबरें हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार सुबह करीब 11 बजे पुलिस को ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली थी। जोशीमठ के हेड कांस्टेबल ने मीडिया को बताया है कि उन्हें सुबह 10.55 बजे जोशीमठ से ग्लेशियर के टूट जाने की सूचना मिली थी। कांस्टेबल के मुताबिक इसमें कुछ लोगों के बह जाने की भी आशंका है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ ने भी उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों और SDRF को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।