उत्तराखंड हादसे में अब तक 10 शव निकाले गए, 100 से ज़्यादा लापता, तपोवन टनल से 16 लोग बचाए गए
ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी पर बना पावर प्रोजेक्ट तबाह, प्रोजेक्ट में काम करने वाले सौ से ज़्यादा लोग लापता, राज्य के कई इलाक़ों में अलर्ट, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पूरा देश उत्तराखंड के साथ

चमोली। उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से मची भारी तबाही के बीच अब तक दस शव निकाले जा चुके हैं। जबकि सौ से ज्यादा लोग अब तक लापता हैं। राज्य के मुख्य सचिव पहले ही आशंका जाहिर कर चुके हैं कि इस हादसे में सौ से डेढ़ से लोगों की मौत हो सकती है। इस बीच बचाव और राहत के काम में लगी टीम को तपोवन के टनल से सोलह लोगों को निकालने में कामयाबी मिली है। लेकिन अब भी बड़ी संख्या में लोगों के जगह-जगह फंसे होने की आशंका है।
बताया जा रहा है कि ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा नदी पर बने पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है। ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हादसे वाली जगह पर पहुंच गए हैं और वहां मौजूद स्थानीय अधिकारियों से बात करके हालात का जायजा ले रहे हैं।
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आज सुबह चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में अचानक ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी में आई इस बाढ़ के कारण जोशीमठ के पास बने तपोवन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का बांध भी टूट गया है। ITBP और SDRF की टीमें बचाव और राहत के काम में जुट गई हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब से थोड़ी देर पहले बताया कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी और समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है।
राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है। pic.twitter.com/MoY3LX49rF
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ऋषिगंगा और अलकनंदा नदी में तेजी से बढ़े पानी को आसानी से निकलने देने के लिए टिहरी डैम से बहने वाले पानी को रोक दिया गया है। साथ ही नदी के किनारे और निचले इलाकों में बसे तमाम गांवों और खाली करा लिया गया है। इसके अलावा श्रीनगर डैम से पानी के बहाव को बढ़ा दिया गया है, ताकि आपदा के कारण ऊपर से आने वाले पानी के तेज़ बहाव को संभाला जा सके।
Flow from Tehri dam was stopped to facilitate smooth passage of rising waters on RishiGanga & Alaknanda. All the villages & low lying areas on the banks were vacated & water flow from Srinagar dam was increased to manage higher water flows due to disaster #Uttarakhand
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने दुर्घटना की खबर मिलने के बाद ट्वीट करके हालात पर लगातार नज़र रखने की बात कही है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "मैं उत्तराखंड की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूँ। पूरा देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राज्य के सभी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है। मैं लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहा हूँ और NDRF की तैनाती, बचाव और राहत के कामों के बारे में जानकारी ले रहा हूँ।"
Am constantly monitoring the unfortunate situation in Uttarakhand. India stands with Uttarakhand and the nation prays for everyone’s safety there. Have been continuously speaking to senior authorities and getting updates on NDRF deployment, rescue work and relief operations.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2021
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी, DG ITBP व DG NDRF से बात की है। सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से Airlift करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। वहाँ की स्थिति को निरंतर मॉनिटर किया जा रहा है।
NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से Airlift करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहाँ की स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं। https://t.co/BVFZJiHiWY
— Amit Shah (@AmitShah) February 7, 2021
ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही को देखते हुए श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत अन्य जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एस ए मुरूगेशन जोशीमठ के लिए रवाना हो गए हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि NDRF की तीन टीमें देहरादून से रवाना हो चुकी हैं। तीन और टीमें भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद से शाम तक वहां पहुंच जाएंगी । ITBP की दो टीमें पहले ही मौके पर पहुंच चुकी हैं। SDRF और स्थानीय प्रशासन के लोग मौके पर पहले से ही राहत और बचाव के काम में जुटे हुए हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा पर दुख जाहिर करते हुए कांग्रेस के लोगों से राहत के काम में हाथ बंटाने की अपील की है। राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, "चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएँ उत्तराखंड की जनता के साथ हैं। राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दें। कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएँ।"
चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएँ उत्तराखंड की जनता के साथ हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 7, 2021
राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दें। कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएँ।
मुख्यमंत्री रावत की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की आशंका है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की आशंका है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है।"
#WATCH | Water level in Dhauliganga river rises suddenly following avalanche near a power project at Raini village in Tapovan area of Chamoli district. #Uttarakhand pic.twitter.com/syiokujhns
— ANI (@ANI) February 7, 2021
मुख्यमंत्री रावत ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे कोई भी पुराने वीडियो शेयर कर पैनिक ना फैलाएँ और धैर्य बनाए रखें। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक धौलीगंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। कुछ लोगों के नदी में बह जाने की भी खबरें हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार सुबह करीब 11 बजे पुलिस को ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली थी। जोशीमठ के हेड कांस्टेबल ने मीडिया को बताया है कि उन्हें सुबह 10.55 बजे जोशीमठ से ग्लेशियर के टूट जाने की सूचना मिली थी। कांस्टेबल के मुताबिक इसमें कुछ लोगों के बह जाने की भी आशंका है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ ने भी उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों और SDRF को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।