कानपुर के कुख्यात अपराधी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का कानपुर के भैरव घाट पर अंतिम संस्‍कार किया गया। लेकिन विकास के पिता ने उसके अंतिम संस्कार में जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि हम उसके अंतिम संस्कार में क्यों जाएंगे जब उसने कभी हमारी बात मानी ही नहीं। वह बात मानता तो उसका जो हश्र हुआ वैसा न होता। इसके पहले उसकी मां ने भी बेटे की मौत पर कहा था कि उनका विकास से कोई लेना-देना नहीं है। 



पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद विकास का शव उसके बहनोई दिनेश तिवारी को सौंपा गया। पुलिस अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पत्नी ऋचा और बेटे को भी लेकर पहुंची। शव का भैरव घाट पर विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया।





न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक विकास दुबे के पिता ने कहा, 'हमें किसी ने बताया कि हमारा बेटा मारा गया है हमने कहा ठीक किया गया। अंतिम संस्कार में जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं उसके अंतिम संस्कार पर क्यों जाऊं। हमारा कहा वो मानता तो आज इस दशा को क्यों प्राप्त होता। उसने हमारी कभी मदद नहीं की।'