जयपुर। राजस्थान के युवा शिक्षक भर्ती में रिक्त हुई अनारक्षित सीटों पर एसटी कोटे के अभ्यर्थियों को जगह देने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका प्रदर्शन अब हिंसा का रूप अख्तियार कर चुका है। पिछले दो हफ्तों से वे प्रदर्शन कर रहे हैं। 

प्रदर्शनकारियों ने उदयपुर अहमदाबाद हाईवे पर भी अपना कब्ज़ा जमा लिया है। दस किलोमीटर तक उन्होंने रास्ता बंद कर रखा है। रास्तों पर पहाड़ी से लाए गए पत्थरों को बिछाया गया है। तो वहीं दूसरी और उदयपुर के खेरवाड़ा में दो लोगों की मौत की सूचना है। ऐसे ही हालात डूंगरपुर में भी हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा वाहनों को फूंका जा रहा है। डुंगरपुर के पास दोवड़ा में रविवार सुबह करीबन चार बजे आन्दोलनकारीओं ने श्रीनाथ कॉलोनी में खड़े एक वाहन को आग हवाले कर दिया।

हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर अब तक 3300 लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। अब तक 34 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हालात इतने बेकाबू हो चले हैं कि उदयपुर में धारा 144 लागाई चुकी है। उदयपुर के गोगुंदा और सराड़ा में 28 और 29 सितम्बर को होने वाले पंचायत चुनाव भी स्थगित कर दिए गए हैं। 

हिंसा छोड़ें प्रदर्शनकारी, बातचीत का रास्ता अपनाएं : गहलोत 
उधर पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा, डीजीपी भूपेंद्र सिंह, सीएस राजीव स्वरूप और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की । गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी जायज़ मांग पर बातचीत करने के लिए हमेशा तैयार है। गहलोत ने छात्रों और नौजवानों से हिंसा छोड़कर बातचीत का रास्ता अख्तियार करने की अपील की है।

क्या है मामला ? 
दरअसल 12 अप्रैल 2018 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सामान्य शिक्षा के 5431 पदों पर भर्ती निकली थी। एसटी को 45%, एससी को 5% और सामान्य वर्ग को 50% आरक्षण है। इस तरह सामान्य वर्ग के लिए 2721 पद थे। राजस्थान पात्रता परीक्षा शिक्षक के लिए (REET) में 60% से ज्यादा अंक वाले सामान्य वर्ग के 965 उम्मीदवार सिलेक्ट हुए। इन्हीं पदों पर REET में 60% से ज्यादा अंक वाले एसटी के 589 उम्मीदवारों का चयन हुआ। इस तरह सामान्य वर्ग से कुल 1554 पद भरे और 1167 पद खाली रह गए। प्रदर्शनकारी इन्हीं खाली पदों पर एसटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।