तिरुवनंतपुरम। अपने सोने के भंडार के लिए प्रसिद्ध केरल का पद्मनाभ मंदिर अब श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। कोरोना की वजह से करीब 5 महीने तक मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद था। कोरोना के मद्देनजर मंदिर में कई बदलाव किए गए हैं। श्रीपद्मनाभ मंदिर में श्रद्धालु सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम को 5 बजे से दीप आराधना के समय तक मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में कोरोना गाइडलाइन पालन करना अनिवार्य किया गया है। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर प्रबंधन ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। श्रद्धालुओं को सैनिटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। मंदिर में लोगों से दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए गए हैं।

मंदिर आने वाले भक्तों को एक दिन पहले शाम पांच बजे तक spst.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। वहीं मंदिर आकर उन्हे रजिस्ट्रेशन की एक कॉपी और आधार कार्ड दिखाना होगा। मंदिर में एक बार में केवल 35 श्रद्धालु ही दर्शन के लिए जा सकेंगे। इस व्यवस्था के हिसाब से रोजाना करीब 665 श्रद्धालुओं की ही एंट्री मिलेगी। कोरोना के चलते 60 साल से अधिक के बुजुर्गों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को वालों को श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर आने की अनुमति नहीं दी जा रही है।  

गौरतलब है कि मंदिर इससे पहले भक्तों के लिए कभी इतने लंबे समय तक बंद नहीं रहा है। लॉकडाउन के दौरान, मंदिर प्रबंधन द्वारा नियमित पूजन किया जाता था। लेकिन भक्तों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी। 

इस मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने 1733 ई. में करवाया था। कहा जाता है कि पद्मनाभ स्थल पर ही भगवान विष्णु की प्रतिमा मिली थी। जिसके बाद यहां मंदिर का निर्माण हुआ। पद्मनाभस्वामी मंदिर अपने सोने के खजाने के कारण चर्चा में रहता है। मंदिर के तहखानों में करीब दो लाख करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ था।