इंटरनेट जिसने बीते कुछ दशकों में अपनी एक अलग दुनिया बनाई है। कुछ वर्षों में विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा भारत में इंटरनेट यूजर की संख्या तेजी से बढी है।परन्तु इंटरनेट स्पीड की बात करें तो भारत में अधिकतम 1 जीबीपीएस की स्पीड से चलता है। लेकिन हम जो जानकारी आपको देने जा रहे हैं वो आपको हैरान कर देगी।

हाल ही में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने इंटरनेट की गति का नया कीर्तिमान बनाया है जिसकी स्पीड 178 टीबीपीएस दर्ज की गई है। इससे पहले यह रिकार्ड जापान के नेशनल स्कूल फॉर कम्यूनिकेशन टेक्नॉलाजी के नाम था जिसकी स्पीड़ 172 टीबीपीएस थी।

यह रिकार्ड यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्तोओं की टीम ने डॉ. लिडिया गाल्डिनो के नेतृत्व में बनाया है। यह इंटरनेट इतनी तेजी से कार्य करता है कि एक सेकेंड से भी कम समय में यह नेटफ्लिक्स की पूरी लाइब्रेरी को डाउनलोड कर सकता है। डॉ. ग्लाडिनो का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान लोग घरों में बंद थे ऐसे में इंटरनेट का उपयोग पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा किया गया। नई तकनीक के आ जाने से इंटरनेट और भी सस्ता होगा। उन्होंने बताया कि इसमें 16.8THZ बैंडविड़्थ एवं एम्पलीफायर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

अगर दुनिया भर के इंटरनेट यूजर्स की बात करें तो 2005 में इंटरनेट यूजर 6.6 बिलियन थे। इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन के आँकड़े के अनुसार 2019 में यह संख्या 7.75 बिलियन पहुंच चुकी है। वहीं 2005 के बाद से 2019 तक विकासशील देशों की तुलना में विकसित देशों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ विकासशील देशों में जहां इंटरनेट यूजर्स में कुल 47 प्रतिशत इजाफा हुआ तो वहीं विकसित देशों में 86.6 प्रतिशत की अकल्पनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है।

भारत में सबसे सस्ता डेटा 

अगर बात करें डेटा की कीमत की तो यह भारत में सबसे सस्ती दर में उपलब्ध होता है। आपको बता दें कि भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में रिलायंस जियो की एंट्री के बाद डेटा की कीमतों में भारी कमी आई है। जियो के सस्ते कीमत के प्लान की वजह से भारत इंटरनेट यूजर्स के मामले मे दुनिया भर के चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2018 में 763 मिलियन यानी 76.3 करोड़ इंटरनेट यूजर्स थे। इनमें 33 प्रतिशत महिलायें एवं 67 प्रतिशत पुरूषों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। अनुमान है कि 2023 तक यह संख्या बढकर 90.7 करोड़ हो जायेगी जो भारत की कुल आबादी का 64 प्रतिशत होगा।