ग्लास्गो। अहमदाबाद को 2030 सेंचुरी कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिल गई है। 74 कॉमनवेल्थ देशों और क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने ग्लास्गो में हुई कॉमनवेल्थ स्पोर्ट जनरल असेंबली में भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दी। 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद भारत को पहली बार इतने बड़े वैश्विक खेल के आयोजन की जिम्मेदारी मिली है।

मेजबानी की पुष्टि होते ही असेंबली हॉल में 20 गरबा डांसर्स और 30 ढोल वादकों ने पारंपरिक प्रस्तुति देकर गुजरात की सांस्कृतिक पहचान को दुनिया के सामने रखा। यह प्रदर्शन ग्लास्गो की भारतीय कम्युनिटी और अन्य कॉमनवेल्थ देशों के कलाकारों ने मिलकर किया था।

कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकारे ने इसे कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए नए युग की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि ग्लास्गो 2026 के बाद अब 2030 में अहमदाबाद एक यादगार सेंचुरी एडिशन देने की क्षमता रखता है। रुकारे ने भारत की युवा ऊर्जा, सांस्कृतिक विविधता और खेलों के प्रति जुनून को इस फैसले की बड़ी वजह बताया।

सेंचुरी एडिशन में 15 से 17 खेल शामिल किए जाएंगे। अहमदाबाद 2030 की टीम अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन और कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के साथ मिलकर एक ऐसा कार्यक्रम तैयार करेगी जिसमें लोकल कनेक्ट भी हो और ग्लोबल अपील भी। अगले महीने खेल सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू होगी। जबकि, पूरा लाइनअप अगले साल घोषित किया जाएगा। फिलहाल जिन खेलों पर विचार किया जा रहा है उनमें तीरंदाजी, बैडमिंटन, 3x3 बास्केटबॉल और 3x3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल, बीच वॉलीबॉल, टी20 क्रिकेट, साइक्लिंग, डाइविंग, हॉकी, जूडो, रिदमिक जिम्नास्टिक, रग्बी सेवन, शूटिंग, स्क्वैश, ट्रायथलॉन और पैराट्रायथलॉन, तथा कुश्ती शामिल हैं। साथ ही मेजबान देश को दो नए या पारंपरिक खेल प्रस्तावित करने का विकल्प भी दिया जाता है।

कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने कहा कि भारत इस भरोसे के लिए आभारी है। उनके अनुसार, 2030 का आयोजन न सिर्फ कॉमनवेल्थ मूवमेंट के 100 साल पूरे होने का उत्सव होगा बल्कि अगले सौ वर्षों के लिए दिशा भी तय करेगा। उन्होंने इसे वह मौका बताया है जो दुनियाभर के खिलाड़ियों, समुदायों और संस्कृतियों को एक मंच पर लाएगा।

पहले कॉमनवेल्थ गेम्स साल 1930 में हैमिल्टन (कनाडा) में हुए थे। 2030 का संस्करण उनकी शताब्दी को चिह्नित करेगा। बीते कुछ वर्षों में भारत ने बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी लगातार बढ़ाई है। हाल ही में दिल्ली में पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप और देश का पहला वर्ल्ड एथलेटिक्स इंटरकॉन्टिनेंटल टूर आयोजित किया गया था।