मुंबई। फॉर्मर डोमेस्टिक क्रिकेटर मिथुन मन्हास भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI के अध्यक्ष बन गए हैं। इसका ऐलान रविवार को मुंबई में BCCI ऑफिस में हुई एनुअल जरनल मीटिंग (AGM) के बाद हुआ। वे इस पद पर निर्विरोध चुने गए। वहीं, राजीव शुक्ला बतौर उपाध्यक्ष बरकरार हैं।

BCCI की नई कार्यकारिणी की घोषणा 28 सितंबर को वार्षिक आम बैठक (AGM) में की गई। राजीव शुक्ला और देवजीत सैकिया को फिर से BCCI के उपाध्यक्ष और सचिव के रूप में चुना गया है। प्रभतेज सिंह भाटिया ने रोहन गौंस देसाई की जगह संयुक्त सचिव का पद संभाला है। भाटिया पहले BCCI के कोषाध्यक्ष थे। अब ए रघुराम भट BCCI के नए कोषाध्यक्ष हैं।

मन्हास को जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) द्वारा नामित किया गया था। जहां उन्होंने प्रशासक के रूप में सेवा की है। उन्होंने 1997/98 सीजन में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्होंने भारत अंडर-19 और ए टीम का भी प्रतिनिधित्व किया। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अच्छे रिकॉर्ड के बावजूद उन्हें सीनियर टीम में जगह नहीं मिली। उस समय भारतीय टीम में पहले से ही सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी थे।

मन्हास ने 147 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 45.82 की औसत से 9,714 रन बनाए हैं। उनके नाम 27 शतक और 49 अर्धशतक हैं। उनका सबसे अच्छा रणजी सीजन 2007-08 में था जब दिल्ली ने खिताब जीता था। उन्होंने उस सीजन में 57.56 की औसत से 921 रन बनाए थे। मन्हास का लिस्ट ए क्रिकेट में भी अच्छा रिकॉर्ड है। उन्होंने 130 मैचों में 45.84 की औसत से 4,126 रन बनाए हैं, जिसमें 5 शतक और 26 अर्धशतक शामिल हैं। वह ऑफ-स्पिन गेंदबाजी में भी माहिर थे। उनके नाम 75 विकेट हैं, जिसमें प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 40 विकेट शामिल हैं। वह विकेटकीपिंग भी कर सकते थे।

मन्हास ने तीन आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए खेला है – दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स), अब बंद हो चुकी पुणे वॉरियर्स इंडिया और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK)। उन्होंने आईपीएल के उद्घाटन सीजन से 2014 तक खेला। 55 मैचों में उन्होंने 22.34 की औसत और 109.36 की स्ट्राइक रेट से 514 रन बनाए। उनके आईपीएल करियर में कोई अर्धशतक नहीं था।