नई दिल्ली। वनडे कप्तानी से हटाए जाने को लेकर विराट कोहली के बयान के बाद घमासान मच गया है। विराट कोहली ने आज प्रेस के सामने यह बयान दिया था कि उन्हें कभी भी बोर्ड की ओर से टी ट्वेंटी का कप्तान बने रहने के लिए नहीं कहा गया। विराट के इस बयान के बाद मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि बीसीसीआई विराट कोहली के इस बयान से सहमत नहीं है। 

एक हिंदी न्यूज़ चैनल ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई के सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है कि बोर्ड ने सितंबर महीने में ही विराट कोहली को टी ट्वेंटी कप्तानी नहीं छोड़ने की सलाह दी थी। लेकिन विराट कोहली ने टी ट्वेंटी कप्तानी से किनारा करना ही मुनासिब समझा। इस दावे के बाद एक बार फिर टीम इंडिया की वनडे कप्तानी को लेकर जारी विवाद ने ज़ोर पकड़ लिया है। 

क्या कहा कोहली ने? 

विराट कोहली ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जब उन्होंने टी ट्वेंटी कप्तानी छोड़ने का फैसला किया और बोर्ड को जब इस बात की जानकर दी, तब उनके इस फैसले को पॉजिटिवली लिया गया। लेकिन उन्हें कभी भी यह नहीं कहा गया कि वे टी ट्वेंटी के कप्तान बने रहें। 

विराट ने कहा कि वे टेस्ट और वनडे में आगे भी भारतीय टीम की अगुवाई करना चाहते थे। लेकिन टेस्ट श्रृंखला के लिए टीम का एलान होने से करीब डेढ़ घंटे पहले उन्हें सूचित किया गया कि वे अब भारतीय वनडे टीम के कप्तान नहीं हैं। 

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वनडे टीम की कप्तानी से हटाए जाने के बाद अब तक विराट कोहली ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी थी। हालांकि उनके कोच राजकुमार शर्मा ने यह जरूर कहा था कि कोहली को टी ट्वेंटी कप्तान बने रहने के लिए कभी नहीं कहा गया। राजकुमार शर्मा का इशारा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की बयान की तरफ था, जिसमें गांगुली ने कहा था कि उन्होंने खुद कोहली से टी ट्वेंटी का कप्तान बने रहने का अनुरोध किया था। 

सौरव गांगुली ने विराट की वनडे कप्तानी जाने के बाद यह कहा था कि उन्होंने विराट से टी ट्वेंटी का भी कप्तान बने रहने का आग्रह किया था। लेकिन विराट इसके लिए राज़ी नहीं थे। दूसरी तरफ व्हाइट बॉल क्रिकेट में दो अलग अलग कप्तान रखने पर चयनकर्ता सहमत नहीं थे। जिसके बाद चयन समिति ने रोहित शर्मा को सीमित ओवरों की कमान सौंपने का निर्णय किया।