बिलासपुर। बिलासपुर जिले के मस्तूरी में मंगलवार छत्तीसगढ़ के शाम कांग्रेस नेता और जनपद पंचायत उपाध्यक्ष नीतेश सिंह पर अज्ञात हमलावरों ने उनके कार्यालय के बाहर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। यह पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गई। इस वीडियो में बाइक सवार दो नकाबपोश युवक गोलियां बरसाते दिखाई दे रहे हैं। एक बाइक पर बैठा शूटर लगातार फायरिंग करता नजर आ रहा है। जबकि, पीछे बैठा युवक उतरकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाता है।
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हमले के दौरान करीब 13 से 14 राउंड फायरिंग की गई थी। बचाव में हुई जवाबी फायरिंग के बाद हमलावर मौके से भाग निकले थे। इस घटना में पूर्व सरपंच चंद्रकांत सिंह के हाथ में और राजकुमार सिंह उर्फ राजू सिंह के पैर में गोलियां लगीं थी। गंभीर रूप से जख्मी दोनों लोगों को अपोलो अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनके शरीर से गोलियां निकाली।
इस हमले पर छत्तीसगढ़ के पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “मस्तूरी में कांग्रेस नेता नितेश सिंह जी पर खुलेआम जानलेवा हमला बहुत ही भयावह और शर्मनाक है। रिहायशी इलाके में, खुली सड़क पर गोलियां चलती रहीं, यह बताता है कि प्रदेश में अपराधियों के हौसले आसमान पर हैं और आम नागरिक दहशत के साए में। अपराधियों को न प्रशासन का डर है, न सरकार को जनता की चिंता। भाजपा शासन में प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरी तरह दम तोड़ चुकी है।”
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सिंहदेव के इस बयान के बाद मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। कांग्रेस नेताओं ने इसे प्रदेश की कानून-व्यवस्था की नाकामी बताया है। वहीं, भाजपा नेताओं ने पुलिस जांच पूरी होने से पहले निष्कर्ष निकालने को राजनीति से प्रेरित कहा है। फिलहाल बिलासपुर पुलिस ने पूरे मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम गठित की है। अधिकारी घटनास्थल से लेकर शहर के बाहरी हिस्सों तक लगे कैमरों के फुटेज, मोबाइल लोकेशन और पुराने विवादों के रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही हमलावरों और साजिशकर्ताओं की पहचान कर ली जाएगी।
पुलिस के मुताबिक, यह हमला राजनीतिक वर्चस्व और पुरानी रंजिश से जुड़ा हो सकता है। शुरुआती जांच में सामने आया कि साल 2023 में नीतेश सिंह और युवक कांग्रेस नेता विश्वजीत अनंत के बीच टकराव हुआ था। इस दौरान विवाद इस कदर बढ़ गया था कि दोनों के बीच झगड़े भी हुए थे। इसके अलावा हाल ही में उनका विवाद एक मवेशी तस्कर से भी हुआ था। पुलिस इन दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।
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जानकारी के अनुसार, नीतेश सिंह को उनके करीबी बदमाशों ने एक हफ्ते पहले ही चेतावनी दी थी कि उन्हें निशाना बनाया जा सकता है। लेकिन उन्होंने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया था। पुलिस अब इस पहलू की भी जांच कर रही है कि क्या हमलावरों को नीतेश की रोजाना की गतिविधियों की जानकारी पहले से थी। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस समय हमला हुआ वे रोज की तरह अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ कार्यालय के बाहर बैठे थे। यह आशंका जताई जा रही है कि शूटर्स ने हमले से पहले इलाके की रेकी की होगी।
हमले के तुरंत बाद पूरे जिले में नाकेबंदी कर दी गई थी। लेकिन पुलिस को अब तक हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिला है। घटनास्थल से खाली कारतूस बरामद किए गए हैं और पुलिस आसपास के सभी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है। देर रात तक पुलिस ने छह संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। हालांकि, अब तक शूटर और साजिशकर्ता पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
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यह वारदात 14 दिसंबर 2022 के कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी हत्याकांड की याद दिलाती है। संजू त्रिपाठी को सकरी चौक पर कार में घेरकर अज्ञात शूटरों ने गोलियों से भून दिया था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ था कि उस हत्या की सुपारी उनके सगे भाई ने दी थी। अब माना जा रहा है कि नीतेश सिंह पर हुआ हमला भी सुपारी किलिंग से जुड़ा हो सकता है।