ओडिशा पहुंचा तूफान मोन्था, समुद्र में उठ रहीं हैं ऊंची लहरें, 100kmph तक पहुंची हवा की रफ्तार

चक्रवात मोन्था ओडिशा के गोपालपुर बीच से टकराया। जिसकी वजह से तेज हवाएं और भारी बारिश हुई। गंजम समेत आठ जिलों में अलर्ट जारी है। आंध्र प्रदेश में 43,000 हेक्टेयर फसलें जलमग्न हुईं।

Publish: Oct 29, 2025, 01:17 PM IST

ओडिशा। चक्रवात मोन्था बुधवार सुबह ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर बीच से टकरा गया। इसके पहले मंगलवार रात यह आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराया था। मौसम विभाग  के मुताबिक, लैंडफॉल के बाद भी अगले छह घंटे तक तूफान का असर जारी रहेगा। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और हवा की रफ्तार 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई है।

ओडिशा के आठ जिले, गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। राज्य सरकार ने अब तक 11 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। जबकि, 30 हजार लोगों को निकासी की तैयारी चल रही है। राहत और बचाव के लिए ODRF की 30 और NDRF की 5 टीमों को तैनात की गई है।

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मंगलवार शाम 7:30 बजे से शुरू हुआ लैंडफॉल करीब साढ़े पांच घंटे तक चला और देर रात 1 बजे खत्म हुआ। इस दौरान 90 से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं जो कुछ समय में 110 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गईं थी। मछलीपट्टनम और आसपास के इलाकों में पेड़ गिर गए, कई कच्चे मकान ढह गए और बिजली के पोल टूटने से पूरे शहर की बिजली व्यवस्था ठप हो गई। कोनासीमा में एक घर पर पेड़ गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हुए।

तेज हवाओं ने गुंटूर में भी नुकसान पहुंचाया, जहां कई पेड़ उखड़ गए। नगर निगम और पुलिस ने तुरंत सड़कें साफ कराने और यातायात बहाल करने का काम शुरू किया। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने बताया कि आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में आए भीषण चक्रवात का ओडिशा में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। वहीं, पुरी बीच पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो में समुद्र को उफान पर देखा गया।

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हैदराबाद और तेलंगाना के कई जिलों में भी मौसम ने करवट ली है। तेलंगाना मौसम विभाग ने भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, आंध्र प्रदेश, दक्षिणी ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के आस-पास के इलाकों में अगले छह घंटे तक मोन्था का असर बना रहेगा। आज यानी 29 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश और यनम में भारी वर्षा की संभावना है। जबकि, 30 अक्टूबर तक तूफान से प्रभावित राज्यों में बारिश जारी रह सकती है।

ओडिशा सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए 2,000 से ज्यादा आपदा राहत केंद्र बनाए हैं। मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि सरकार पूरी तरह सतर्क है और प्रभावित इलाकों में सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। राज्य के 2,048 राहत केंद्रों में फिलहाल 11,396 लोगों को सुरक्षित रखा गया है। गंजम में समुद्र की तेज लहरों ने किनारों की जमीन को काट दिया और कई मकानों को नुकसान पहुंचाया है। प्रशासन ने लोगों से समुद्र तट से दूर रहने और सतर्क रहने की अपील की है।

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आंध्र प्रदेश में मोन्था ने खेती को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है। राज्य की करीब 43,000 हेक्टेयर फसलें जलमग्न हो गई हैं। इसकी वजह से 83,000 से ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं। कुल 292 मंडलों और 1,712 गांवों से नुकसान की सूचना मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, धान और कपास की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। लगभग 31,267 हेक्टेयर धान और 15,680 हेक्टेयर कपास की फसलें लगातार बारिश और बाढ़ में नष्ट हो गईं।