भोपाल। छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में आपदा में अवसर का खुला खेल चल रहा है। खिलाड़ी बने हैं स्थानीय डॉक्टर। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर अनूपपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वेंकेटनगर में पदस्थ डॉक्टर प्रति व्यक्ति 200 रूपये लेकर फर्जी कोरोना रिपोर्ट बना रहे हैं। खबर है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर राजीव कुमार मोहरे द्वारा फर्जी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट 200 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से बनाया जा रहा है। यह फर्जीवाड़ा महीनेभर से चल रहा है। मीडिया में खबर आने के बाद अनूपपुर कलेक्टर ने वेंकटनगर में पदस्थ डॉक्टर राजीव कुमार मोगरे को निलंबित कर दिया है।

असल में छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश में सम्पूर्ण लॉकडाउन कर रखा है। महीनेभर से छत्तीसगढ़ से लगने वाला बॉर्डर भी सील है। जरूरतमंदों को प्रदेश में प्रवेश करने के लिए हर व्यक्ति की कोरोना जांच रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया गया है। प्रवेश के लिए 72 घंटे पहले की जांच रिपोर्ट जरूरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी व्यवस्था चाक-चौबंद कर रखी है, सीमाओं को 31 मई तक के लिए सील रखा है, लेकिन इस सुरक्षा में मध्य प्रदेश के डॉक्टर सेंध लगा रहे हैं।

अनूपपुर का इलाका छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और कोरिया जिले से लगा हुआ जिला है। कोरिया जिला जो एमपी के बॉर्डर से लगा हुआ है, अब भी कोरोना का हॉस्पॉट बन गया हैं। खबर है कि यहां पूरे प्रदेश स्तर पर सबसे ज्यादा नए केस आ रहे हैं। 17 मई को वहां 506 संक्रमित मिले थे। इसके पड़ोसी जिले सूरजपुर में 486, बलरापमुर व जशपुर में भी चार सौ से ज्यादा केस मिले। सरगुजा में आंकड़ा चार सौ से कुछ नीचे है। ऐसे में मध्य प्रदेस के डॉक्टरों द्वारा दी गई फर्जी रिपोर्ट इंसानी जीवन के साथ खिलवाड़ साबित हो रही है।