छत्तीसगढ़ सरकार ने जनता को एक बड़ी राहत दी है। अब नगरीय क्षेत्रों में आवास, व्यवसाय और अन्य प्रयोजन के लिए जमीन आसानी से मिल सकेगी। भूपेश बघेल सरकार ने सरकारी जमीन के आवंटन की प्रक्रिया सरल कर दी है। सरकार के आदेश के अनुसार जिला कलेक्टर अब भूमि का आवंटन कर सकेंगे। साथ ही व्यवस्थापन, नगरीय निकायों को व्यावसायिक प्रयोजन के लिए एक चौथाई दर पर शासकीय जमीन उपलब्ध होगी। 15 साल का ग्राउंड रेंट एकमुश्त जमा करने पर छूट देने का प्रावधान किया गया है।

15 साल की राशि का भुगतान एक साथ करने पर मिलेगी छूट

आपको बता दें कि लॉकडाउन के कारण जनता को काफी नुकसान सहना पड़ा है। ऐसे में भूपेश सरकार का ये फैसला जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। उन्हें व्यवसाय करने में आसानी होगी। छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले के बाद अब नगरीय क्षेत्र में आवासीय, व्यावसायिक और अन्य प्रायोजन के लिए सरकारी जमीन का आवंटन हो सकेगा। इसके लिए शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश जारी कर दिए हैं। भूमि आवंटन का अधिकार जिला कलेक्टर के पास होगा। कलेक्टर 7500 फीट तक भूमि का पट्‌टा 30 साल तक के लिए दे सकेंगे। इससे ज्यादा जमीन के आवंटन के लिए राज्य सरकार की परमीशन की आवश्यकता होगी। नगरीय निकाय अगर कमर्शियल उद्देश्य के लिए जमीन एलाट करवाना चाहते हैं तो उन्हें प्रचलित गाइडलाइन के 25 प्रतिशत राशि पर किया जाएगा। जबकि किसी व्यक्ति या संस्था को गाइडलाइन के आधार पर आवंटित राशि का भुगतान करना होगा। इसी तरह किसी जमीन के लिए दो या अधिक दावेदार होते हैं, तो गाइडलाइन की दर पर नीलामी की होगी। वहीं यदि कोई पट्‌टेदार भू-भाटक (ग्राउंड रेंट) राशि का 15 साल के लिए एक मुश्त भुगतान करता है तो उसे अगले 15 वर्षों के लिए छूट दी जाएगी।

कलेक्टरों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी

वहीं डिस्काउंट और बिना डिस्काउंट वाले रेट पर प्राप्त पट्टों की जमीन को भू स्वामी के हक में परिवर्तन के लिए निर्धारित मूल्य से 2 प्रतिशत अधिक राशि देनी होगी। सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार जिला स्तर पर शासकीय भूमि के आवंटन एवं अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के संबंध में सभी कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। भूमि आवंटन के संबंध में प्राप्त होने आवेदनों का परीक्षण जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जा रहा है। भूमि आवंटन या व्यवस्थापन और भूमि स्वामी हक में परिवर्तन से संबंधित सभी केसों में विज्ञापन प्रकाशित कर, दावा-आपत्ति की प्रक्रिया और विधिवत सुनवाई होगी।

आवंटन योग्य जमीन को साफ्टवेयर में करना होगा अपलोड

कलेक्टर भूमि आवंटन और व्यवस्थापन के मामले में केवल ऐसी जमीन का ही आवंटन कर सकेंगे, जिसे लोक बाधा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जन सुविधा, लोक प्रयोजन तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सुरक्षित रखने की आवश्यकता न हो। आवंटन योग्य भूमि का चिह्नांकन कर भुईंया सॉफ्टवेयर में अपलोड कराकर सरकारी विभागों को उस जमीन की आवश्यकता के बारे में प्रस्ताव प्राप्त कर एलाट किया जाएगा।