रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिख कर पर्यावरण प्रभाव आंकलन (EIA) अधिसूचना के मसौदा पर कई सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री बघेल का कहना है कि यह मसौदा सतत विकास की प्रक्रिया को बाधित करेगा। उन्होंने पत्र के जरिए EIA के मसौदे को लेकर कुछ सुझाव और आपत्ति भी दर्ज कराई है।

=केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि वे पर्यावरण मंजूरी देने की नई प्रक्रिया को अधिक समीचीन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से जोड़ने के केंद्र के उद्देश्य को समझते हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि EIA अधिसूचना, 2020 का मसौदा पर्यावरणीय न्यायशास्त्र के अनुरूप नहीं है, और ये ‘सतत विकास’ और EIA प्रक्रिया के अपने उद्देश्यों को पूरी नहीं करता है।

छत्तीसगढ़ सरकार के विचारों को शामिल नहीं किया 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आरोप है कि EIA अधिसूचना के प्रारूप में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक संवेदनशीलता को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। उनका कहना है कि EIA अधिसूचना 2020 के मसौदे में पर्यावरण मंजूरी देने के बारे में छत्तीसगढ़ सरकार के विचारों और राय को शामिल नहीं किया गया है। वहीं, EIA अधिसूचना, 2020 के मसौदे में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जो अनुसूची V और VI के तहत संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देता हो।

पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि EIA अधिसूचना 2020 के प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर पर्यावरण मंत्रालय ध्यान देगा और छत्तीसगढ़ सरकार की राय और विचारों को मसौदे में शामिल किया जाएगा ताकि सतत विकास की प्रक्रिया जारी रह सके।