छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का अंतिम संस्कार गौरेला में पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ। अजीत जोगी को गौरेला के ज्योतिपुर ग्रेवयार्ड के प्रभु ख्रीष्ट वाटिका में उनकी बेटी अनुषा जोगी की कब्र के बगल में ही दफनाया गया। ईसाई रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार के पहले प्रार्थना सभा हुई। जोगी को अंतिम विदाई देने उनके बेटे अमित जोगी समेत परिवार के सदस्य और प्रदेश के कई वरिष्ठ नेतागण मौजूद थे। कब्रिस्तान में केवल 20 लोगों को ही प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन बावजूद इसके वहां बड़ी संख्या में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते देखे गए।

आपको बता दें कि जोगी का पार्थिव शरीर रायपुर से कोटा, रतनपुर, केंदा होते हुए उनके गृह ग्राम जोगिसार से गौरेला के पैतृक जोगी निवास तक लाया गया। मरवाही सदन में लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। छत्तीसगढ़ के मंत्री शिव डहरिया, कवासी लखमा, अमरजीत भगत भी जोगी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इसके अलावा विधायक शैलेश पांडे, कांग्रेस के कई नेता अटल श्रीवास्तव, महापौर रामशरण यादव, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, विधायक धर्मजीत सिंह, पूर्व सांसद लखनलाल साहू, भाजपा के विधायक और अन्य नेता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सेनेटोरियम में पूरे राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया।

गौरतलब है कि अजीत जोगी को हार्ट अटैक आने के बाद 9 मई को श्रीनारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब 20 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद जहां शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे अजीत जोगी का निधन हो गया था । कोरोना लॉकडाउन के बावजूद भी लोग बड़ी संख्या में अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे।