रायपुर। मंगलवार यानी 25 अगस्त से छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। 25 से 28 अगस्त तक चलने वाले सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष में बैठी बीजेपी प्रदेश सरकार को कोरोना के बढ़ते मामले, जांच और रिकवरी रेट में पिछड़ने से लेकर अवैध शराब, अवैध उत्खनन, गाय और हाथियों की मौत के मुद्दे पर घेरने की पूरी तैयारी में है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि सरकार ने यह सत्र केवल दिखावे के लिए बुलाया गया है। सत्र की अवधि छोटी होने पर विपक्ष का कहना है कि सरकार चर्चा से बचना चाहती है।
पुलिसकर्मियों की कोरोना जांच, विधायकों की होगी थर्मल स्क्रीनिंग
विधानसभा सत्र के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करना सुनिश्चित किया जा रहा है। सदन में आने वाले विधायकों और मंत्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। सोमवार को मंत्रियों समेत सभी 90 विधायकों का कोरोना टेस्ट होना था। विधायकों के विरोध के बाद कोरोना टेस्ट नहीं कराया जा सका। वहीं विधानसभा सत्र के दौरान ड्यूटी में लगे 100 पुलिसकर्मियों का कोरोना टेस्ट करवाया गया है।
जिन पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है केवल उनकी ही ड्यूटी लगाई गई है। विधानसभा परिसर में ड्यूटी में लगाए गए सभी पुलिसकर्मियों को चार दिन वहीं पड़ेगा। इन चार दिनों में उन्हें अपने परिवार से भी मिलने की अनुमति नहीं दी गई है। सत्र के दौरान विधानसभा में बाहरी लोगों के आने-जाने पर भी रोक लगाई गई है।
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विधायकों के बीच होगी कांच की दीवार
सत्र के पहले दिन छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी और अन्य दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। 25 अगस्त से शुरू होने वाले सत्र के पहले खबर है कि कई विधायकों ने कोरोना जांच को लेकर विधानसभा सचिवालय में आपत्ति दर्ज करवाई थी। इस सत्र के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
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छत्तीसगढ़ की विधानसभा की कार्यवाही पर भी कोरोना का प्रभाव देखने को मिलेगा। इस दौरान सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग ख्याल रखा जाएगा। सदन में दो विधायकों के बीच कांच की एक दीवार लगाई गई है। इस कांच को भी समय-समय पर सैनिटाइज किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार सदन में भोजन की व्यवस्था भी नहीं की जा रही है। विधानसभा परिसर में केवल विधायकों को ही प्रवेश दिया जाएगा।