नई दिल्ली 
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन 1 सितम्बर से अपने नियमों में बदलाव करने जा रहा है। ईपीएफओ 1 सितम्बर से यूएएन को आधार कार्ड से लिंक करने के नियम पर अमल करने जा रहा है। अगर आपने इस तारीख तक अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर को आधार से लिंक नहीं किया तो आपकी नियोक्ता कम्पनी आपके पीएफ अकाउंट में अपना 12 प्रतिशत का अंशदान जमा नहीं कर पाएगी। अगर ऐसा होता है यो यह आपके लिए बहुत बड़ा नुकसान है।
 
दरअसल ईपीएफओ यूनिवर्सल अकाउंट नंबर को आधार से जोड़ने जा रहा है।  इस नियम से संगठन ने पहले ही अपने सदस्यों को सूचित कर दिया है। इसके बावजूद अभी भी कई ऐसे खाते हैं जो आधार से लिंक नहीं किये गए हैं। अगर इन खातों को 1 सितम्बर तक आधार से लिंक नहीं किया गया तो नियोक्ता कम्पनी इन खातों में अपना अंशदान जमा नहीं कर पाएगी।  

सामाजिक सुरक्षा की धारा 142 के तहत ईपीएफओ ने भविष्य निधि खातों को आधार से जोड़ने का नियम बनाया है। संगठन ने इससे पहले 1 जून 2021 तक पीएफ खातों को आधार से जोड़ने की मियाद तय की थी।  बाद में इसे 2 महीने के लिए बढ़ा दिया गया। अब संगठन 1 सितम्बर से इस नियम को लागू करने जा रहा है। आपके पीएफ खाते के आधार से लिंक नहीं होने पर आप अपने खाते से धन की निकासी नहीं कर पाएंगे, अग्रिम ऋण लेना मुश्किल होगा। यही नहीं पेंशन फण्ड पर भी इसका असर पड़ेगा। सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले लाभ के लिए भी आपके पीएफ खाते का आधार से जुड़ा होना जरुरी है। 

ईपीएफओ ने जून माह में इलेक्ट्रॉनिक चालान के नियमों में बदलाव किया था।  इस बदलाव के तहत कंपनियों को केवल उन कर्मचारियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान भरने की अनुमति दी गई है, जिनका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर आधार से जुड़ा हुआ है। ईपीएफओ ने नियोक्ता कंपनियों से यह भी कहा था कि अपने  सभी कर्मचारियों का यूएएन-आधार से लिंक करना सुनिश्चित करें।  यूएएन-आधार लिंक नहीं होने पर आपके पीएफ खाते में पैसा जमा नहीं होगा और आपको इस पर मिलने वाले ब्याज की भी हानि हो सकती है।