नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी इंडिगो की परिचालन समस्याओं ने आठवें दिन भी यात्रियों के सफर को प्रभावित किया है। दिसंबर की शुरुआत से लेकर अब तक देशभर में लगभग 4500 इंडिगो फ्लाइट्स रद्द की जा चुकी हैं और मंगलवार यानी 9 दिसंबर को ही चार सौ से अधिक फ्लाइटें रद्द होने की पुष्टि की गई है। छत्तीसगढ़ की सिविल सोसायटी ने केंद्र सरकार से एयरलाइन पर 9000 करोड़ रुपये (करीब 1 बिलियन डॉलर) का भारी जुर्माना लगाने की मांग की है। इसके लिए सिविल सोसायटी ने प्रधानमंत्री और केंद्र के संबंधित मंत्रियों को औपचारिक शिकायत भेजी है।

भारी संख्या में फ्लाइट्स के कैंसिल होने के चलते दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई जैसे प्रमुख हवाईअड्डों पर यात्रियों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि एयरलाइन की ओर से स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही।

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मंगलवार को रद्द उड़ानों में दिल्ली में 152, बेंगलुरु में 121, हैदराबाद में 58, चेन्नई में 41 और मुंबई में 31 उड़ानें शामिल हैं। यह संकट लगातार आठ दिनों से जारी है और यात्रियों को यात्रा में बड़े व्यवधान, आर्थिक नुकसान और लंबे इंतजार का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने इंडिगो को कड़े निर्देश जारी करते हुए उसके शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में पांच प्रतिशत कटौती करने को कहा है।

इसी बीच देश की सिविल सोसायटी ने इंडिगो के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजा है। इसमें हर प्रभावित यात्री को टिकट कीमत के कम से कम दस गुना मुआवजा देने और होटल, वैकल्पिक यात्रा तथा चिकित्सकीय खर्च सहित सभी आर्थिक नुकसान की भरपाई करने की मांग की गई है। सोसायटी का कहना है कि एयरलाइन ने बिना स्पष्ट सूचना और बिना ठोस कारण बताए हजारों उड़ानें रद्द कीं हैं। इसकी वजह से यात्रियों की योजनाएं प्रभावित हुईं और मानसिक तनाव के साथ बड़ा आर्थिक नुकसान भी हुआ।

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नोटिस में पांच दिनों के भीतर जवाब न मिलने पर सिविल और आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। संगठनों ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री को लिखित शिकायत भेजते हुए एयरलाइन पर 9000 करोड़ रुपये यानी लगभग एक बिलियन डॉलर के दंड की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि यह मामला यात्रियों के अधिकारों, डीजीसीए के दिशानिर्देशों और विमानन नियमों का गंभीर उल्लंघन है और इसकी विशेष जांच आवश्यक है।