जानी मानी एथनिक ब्रांड रिटेलर कंपनी फैब इंडिया को तगड़ा घाटा लगा है। साल 2020-21 में फैब इंडिया की कमाई में 30 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। इस वित्तीय वर्ष में फैब इंडिया ने महज 1059 करोड़ रुपये कमाए हैं, जिसकी वजह से कंपनी को 116 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दरअसल पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से देश भर में लॉकडाउन की वजह से दुकानें बंद रही। वहीं इससे उबरने के लिए कंपनी कुछ कर पाती उससे पहल ही एक और नया बखेड़ा खड़ा हो गया। इस साल दिवाली के मौके पर फैब इंडिया के विज्ञापनों को लेकर विवाद हुआ था। दिवाली के कलेक्शन को जश्न-ए-रिवाज के नाम से लॉन्च किया गया था। जिसे देशभर में काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने कई तरह के कैंपेन चलाए थे।
अब कंपनी के घाटे को लेकर लोग एक बार फिर फैब इंडिया को ट्रोल करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर इस समय जश्न-ए-किल्लत, महौल-ए-मातम, जश्न-ए दिवालिया, फैब इंडिया कालेजाई ठंडाई, जश्न-ए-कुटाई, जश्न-ए-कंगाल जैसे हैश टैग कैंपेन चला रहे हैं।
फैब इंडिया देश के ग्रामीण इलाकों से एथनिक प्रोडक्ट सोर्स कर शहरों में बेचने के लिए जानी जाती हैं। फैब इंडिया की शुरूआत 1960 में हुई थी। इसके फाउंडर अमेरिकी बिजनेसमैन जॉन बिसेल हैं। उन्होंने भारतीय हैंडलूम टैक्सटाइल को विश्व पटल पर रखने के लिए इसकी शुरुआत की थी। बीते पिछले दो दशकों में पहला मौका है जब इसकी बिक्री में इतनी गिरावट आई है।
और पढ़ें:Fabindia जश्न-ए-रिवाज के समर्थन में उतरे जावेद अख्तर, कहा परंपरा के उत्सव से किसी को आपत्ति क्यों
खबर है कि ट्रेडिशनल इंडियन क्राफ्ट, एथेनिक वेयर और फर्नीचर के रिटेलर के तौर पर कार्य कर रही फैब इंडिया अब अपना IPO लाने वाली है। फैब इंडिया 500 मिलियन डॉलर याने 3,800 करोड़ रुपये का अपना IPO शुरू करने की दिशा में कार्य कर रही है। फैब इंडिया करीब 55 हजार ग्रामीण उत्पादकों को शहरी बाजारों से जोड़ने का काम करती है। कंपनी जरूरतमंद बच्चों के लिए 500 स्टूडेंट्स वाला स्कूल भी संचालित करती है।