Fabindia जश्न-ए-रिवाज के समर्थन में उतरे जावेद अख्तर, कहा परंपरा के उत्सव से किसी को आपत्ति क्यों

बीजेपी समेत कई संगठनों ने किया था फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज का विरोध, लगाया हिंदू त्योहारों को मुस्लिम भावना से जोड़ने का आरोप, कंपनी ने दीपावाली पर झिलमिल सी दिवाली कलेक्शन किया लॉन्च

Updated: Oct 28, 2021, 09:41 AM IST

Photo Courtesy: Instagram
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देश की जानीमानी फैशन, कपड़ों और होमडेकोर कंपनी फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज कैंपेन के समर्थन में गीतकार जावेद अख्तर आए हैं। उन्होंने इस कैपेंन का विरोध करने वाले की निंदा की है। उन्होंने इस विवाद को भी बेवजह बताया है। उनका कहना है कि जश्न-ए-रिवाज का मतलब तो परंपरा का जश्न है, इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। अपने ट्वीट संदेश में जावेद अख्तर ने लिखा है कि वे समझ नहीं पा रहे हैं कि फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज से चंद लोगों को क्यों आपत्ति है। उन्होंने समझाया है कि इसका सीधा सा अर्थ परंपरा का जश्न है।

दरअसल पिछले दिनों सोशल मीडिया पर लोगों ने फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज ऐड कैंपेन की काफी आलोचना की थी। जिसके बाद कंपनी ने उस विज्ञापन कैंपेन को वापस ले लिया और दीपावाली पर झिलमिल सी दिवाली कैंपेन के विज्ञापन जारी किए। इसे लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कटाक्ष किया था। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा था कि बीजेपी ने कंपनी को विज्ञापन वापस लेने के लिए मजबूर करके हिंदू धर्म की रक्षा की है। यदि यह नहीं होते तो हिंदू धर्म युगों तक नहीं रहता।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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अब गीतकार जावेद अख़्तर ने इस कैंपेन पर आपत्तियों को बेवजह बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने आरोप लगाया था कि हिंदू त्योहार में जानबूझकर मुस्लिम विचारधारा को जोड़ने की काम किया जा रहा है। लोगों की कहना था कि इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। 

 फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज कैंपेन पर विवाद बढ़ता देख कंपनी ने सफाई में कहा था कि जश्न-ए-रिवाज कैंपेन तो पूरे इंडियन ट्रेडिशनल ड्रेसेज के लिए है, ना कि केवल दिवाली के लिए। कंपनी ने बताया था कि यह दिवाली का कैंपेन नहीं है दीपावाली कलेक्शन तो झिलमिल सी दिवाली के नाम से आएगा। अब पिछले करीब 4 दिन से फैब इंडिया के एक से बढ़कर एक दिवाली ड्रेसेज और सजावटी सामान के विज्ञापन जारी हो रहे हैं। अब इस पूरे मामले में जावेद अख्तर की प्रतिक्रिया आई है, उन्होंने लोगों को जश्न-ए-रिवाज का हिंदी में मतलब समझाते हुए विरोध करतने वालों का पागलपन करार दिया है। दरअसल जावेद अख्तर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं और बेबाकी से अपनी बात कहते हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने तालिबान की तुलना RSS से कर दी थी। 

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बीजेपी का आऱोप है कि इनदिनों कई विज्ञापनों में हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है, हाल ही में डाबर ने लेस्बियन कपल पर आधारित करवाचौथ का विज्ञापन बनाया था, जिसे लेकर भी बीजेपी ने भावनाएं आहत होने की बात कहकर बवाल खड़ा किया था।

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जिसके बाद डाबर को माफी तक मांगनी पड़ी थी। इससे पहले लव जिहाद को बढ़ावा देते एक फेमस ज्वैलरी ब्रांड का विज्ञापन भी विरोध की वजह से वापस लिया गया था।