भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.22 अरब डॉलर बढ़कर रिकॉर्ड 500 अरब डॉलर के पार पहुंच कर 501.70 अरब डॉलर हो गया है। 5 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई जिससे यह 500 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया।

गौरतलब है कि इस वक्त पूरे विश्व के साथ भारत भी कोरोना संकट से जूझ रहा है। ऐसे समय में जब देश की अर्थव्यवस्था बेपटरी है तब विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड बढ़ोतरी राहत भरी खबर है।

जापान और चीन से पीछे भारत

भारत के विदेश मुद्रा भंडार ने रिकॉर्ड 500 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। दूसरे देशों के विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में भारत से आगे अब बस दो देश हैं। चीन और जापान का ही भारत से ज़्यादा विदेशी मुद्रा भंडार है। विदेशी मुद्रा भंडार में भारत अब तीसरे स्थान पर है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की यह धनराशि एक वर्ष के आयात के खर्च के बराबर है।

लॉकडाउन से बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार

एक तरफ जहां लॉकडाउन के कारण सारी गतिविधियों ठप हैं। अगले छमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ के नेगेटिव रहने का अनुमान है। ऐसे में दूसरी ओर लॉकडाउन की वजह से देश का विदेश मुद्रा भंडार मज़बूत हुआ है। दरअसल, लॉकडाउन लागू होने की वजह से ईंधन का उपयोग और उसकी मांग दोनों ही कम हो गई। जिस वजह से कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। इस वजह से एक तो सरकार ने कच्चे तेल की खरीदारी कम दामों पर की। इसका फायदा यह हुआ कि सरकार को अपनी जेब से कच्चे तेल की खरीदारी के लिए कम डॉलर खर्च करने पड़े। ट्रेड पंडितों के मुताबिक हाल ही के 3-4 महीनों में विदेशी कम्पनियों ने भारतीय बाज़ार में निवेश बढ़ाया है। जिस वजह से भारतीय शेयर बाज़ार में एक बार फिर से पूंजी के प्रवाह ने अपनी गति पकड़ ली है।