नई दिल्ली। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती करने के अपने फैसले से केंद्र सरकार एक दिन के भीतर ही पलट गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद इसकी जानकारी दी है। निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कटौती करने के फैसले को रद्द करने की घोषणा की है। 



वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, छोटी बचत योजनाओं पर वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में मिलने वाले ब्याज पर पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। जारी किए गए आदेशों को रद्द किया जाता है। छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर में कटौती करने के फैसले को मिडल क्लास पर सरकार द्वारा किए गए प्रहार के तौर पर देखा जा रहा था, जिसके बाद सरकार ने अपने फैसले को वापस ले लिया है। 





केंद्र सरकार ने पीपीएफ यानी पर्सनल प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले सालाना ब्याज दर को 6.4 फीसदी करने का फैसला किया था। 1974 के बाद यानी पिछले 47 वर्षों में सरकार पहली बार इतना कम इंट्रेस्ट देने वाली थी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने वन ईयर टाइम डिपॉज़िट पर मिलने वाले ब्याज दर को 5.5 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी कर दिया था। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना सीनियर सिटिज़न सेविंग स्कीम के तहत ब्याज दर को 7.4 फीसदी से घटा कर सरकार ने 6.5 फीसदी कर दिया था। 



 



वित्त मंत्री सरकार चली रही हैं या सर्कस : रणदीप सुरजेवाला 





अपने फैसले से 24 घंटे के भीतर यू टर्न लेने वालीं वित्त मंत्री पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने जमकर हमला बोला है। सुरजेवाला ने निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा है कि वित्त मंत्री सरकार चला रही हैं या सर्कस? सुरजेवाला ने वित्त मंत्री से इस्तीफा मांगते हुए कहा है कि उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई अधिकारी नहीं है।