नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुम्बई हवाई अड्डे के परिचालन में 705 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में जीवीके ग्रुप, मुम्बई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में कई परिसरों पर छापे मारे। यह छापेमारी तब की गई है जब दो जुलाई को सीबीआई ने जीवीके ग्रुप के हैदराबाद और मुंबई स्थित ऑफिस में छापेमारी की थी। ईडी इस बात की जांच कर रही है क्या पैसे के अवैध ट्रांसफर  के माध्यम से निजी संपत्ति बनाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई।

इससे पहले सात जुलाई को ईडी ने कुछ निकायों के खिलाफ दर्ज सीबीआई की एफआईआर का अध्ययन करने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट के तहत यह मामला दर्ज किया था। सीबीआई का मामला जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और अन्य के (निजी-सार्वजनिक साझेदारी) संयुक्त उपक्रम मुम्बई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की निधि से 705 करोड़ रूपये की कथित हेराफेरी से जुड़ा है। ऐसा अत्यधिक खर्च दिखाकर, राजस्व की कमतर रिपोर्टिंग दिखाकर और रिकार्ड में हेरफेर कर किया गया।

वहीं केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एमआईएएल के निदेशक गणपति, एमआईएएल के प्रबंध निदेशक और उनके पुत्र जी वी संजय रेड्डी, जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड, एमआईएएल कंपनियों और नौ अन्य निजी कंपनियों एवं एएआई के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। चार अप्रैल, 2006 को एएआई ने मुम्बई हवाई अड्डे के आधुनिकीरण, रखरखाव, परिचालन आदि के लिए एमआईएएल के साथ करार किया था।

सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आरोप है कि एमआईएएल में जीवीके ग्रुप के प्रवर्तकों ने अपने अधिकारियों और अज्ञात एएआई अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर अलग-अलग तरीकों से धन की हेराफेरी की थी। सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने के बाद मुम्बई और हैदराबाद में छापा भी मारा था।