नई दिल्ली। सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया की बोली में टाटा संस की जीत की रिपोर्ट को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि एयर इंडिया की बोली प्रक्रिया फिलहाल पूरी नहीं हुई है। दरअसल, आज सुबह से मीडिया रिपोर्ट्स में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा था कि एयर इंडिया की बोली टाटा ने जीत ली है।



केंद्रीय निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा, 'मीडिया में आ रही इस तरह की खबरें कि सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश मामले में फाइनेंशियल बिड को मंजूरी दे दी है, वह गलत है। इस संबंध में सरकार द्वारा जब भी फैसला लिया जाएगा तो मीडिया को जानकारी दी जाएगी।'





दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार अपने विवादास्पद विनिवेश (Disinvestment) कार्यक्रम के तहत एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने वाली है। सरकार ने एयर इंडिया की नीलामी के लिए फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई है। बताया जा रहा है इस साल के अंत तक एयर इंडिया की बोली प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और यह निजी हाथों में चला जाएगा।



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बता दें कि आज न्यूज़ एजेंसी ब्लूमबर्ग ने बताया था कि सरकारी पैनल ने एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप को सबसे ऊंची बोली के आधार पर चुन लिया है, बस इसका औपचारिक ऐलान बाकी है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने भी सूत्रों के हवाले से बताया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले पैनल ने इस बोली को मंजूरी दे दी है। हालांकि, केंद्र के स्पष्टीकरण के बाद यह स्पष्ट हो गया कि एयर इंडिया का मालिक कौन होगा यह अभी तय नहीं है।



खास बात ये है कि एयर इंडिया विमानन कंपनी की शुरुआत साल 1932 में टाटा ने ही कि थी। टाटा ग्रुप के संस्थापक जे.आर.डी टाटा खुद भी प्रोफेशनल पायलट थे। जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री बनने के बाद सरकार ने साल 1953 एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया था, जिसके बाद एयर इंडिया पूरी तरह से सरकारी कंपनी बन गई। बीते कुछ समय से एयर इंडिया घाटे में चल रही है।