मध्यप्रदेश के शिवपुरी में किसानों के 3 करोड़ रुपए राज्य शासन द्वारा रोके जाने की सूचना है। जानकारी के मुताबिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण जिले के 252 किसानों का डाटा सरकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया। जिसकी वजह से अब उनका भुगतान रुक गया है। प्रशासन द्वारा अब इन किसानों पर अपना अनाज वापस ले जाने का दबाव बनाया जा रहा है। मजबूर किसानों ने मंगलवार को कलेक्टोरेट ऑफिस में ज्ञापन देकर अपनी बातें रखी लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं खरीदी केंद्र के नोडल अधिकारी का साफ कहना है कि सरकार ने भुगतान करने से इंकार कर दिया है ऐसे में किसानों को गेहूं वापस ले जाना ही होगा। 

दरअसल, शिवपुरी के सायलो खरीदी केंद्र भेड़ फार्म पडोरा पर समर्थन मूल्य पर किसानों ने गेहूं तुलवा ली थी। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण 252 किसानों की लिस्ट सरकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पायी। नतीजतन सरकार ने उनके 3 करोड़ रुपए भुगतान करने से इंकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि उन्होंने अपना अनाज तय समय से पहले तुलवा लिया था बावजूद इसके शिवराज सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। अधिकारियों की गलती की वजह से हमारी गेहूं कंप्यूटरीकृत नहीं हुए जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। मामले पर जिला प्रशासन भी सुनवाई नहीं कर रहा है इसलिए अब हम भोपाल जाकर सीएम शिवराज के समक्ष अपनी समस्याओं को रखेंगे।

किसान इस अव्यवस्था के लिए अधिकारियों को दोषी बता रहे हैं। दैनिक भास्कर ने किसानों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया है कि उन्हें कर्ज चुकाना है लेकिन समर्थन मूल्य न मिलने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि खरीदी केंद्र पर चलवाए हुए गेहूं को वापस ले जाने में किराया लगेगा वहीं बाजारों में दाम भी कम मिलेंगे। गेहूं खरीदकर वापस देना कहां तक उचित है? मामले पर नोडल अधिकारी का कहना है कि इसमें किसानों की गलती है। वे देर से गेंहू लेकर पहुंचे थे। मैसेज जारी होने के 4-5 दिन बाद आए और मना करने पर भी गेहूं तुलवाया। किसानों को अब गेहूं वापस कर दिया जाएगा।