भोपाल। कोरोना लॉकडाउन की वजह से भोपाल में सब्जी मंडी बंद है, इस दौरान आसपास के गांवों के किसान मंडी के बाहर अपना माल बेचने आ जाते हैं। जहां से सब्जी विक्रेता उनसे माल खरीद लेते थे। लेकिन अब इस बार पुलिस ने सख्ती कर दी है। मंडी और आसपास के इलाकों में किसानों को फटकने नहीं दिया जा रहा। आने-जाने वाले किसानों से पुलिस गाली गलौच कर रही है। भरी गर्मी में किसानों पर लाठी डंडे बरसाए जा रहे हैं। इन सबसे से गुस्साए किसानों ने अपनी मेहनत के सैकड़ों क्विंटल टमाटर सड़कों पर फेंक दिया है।

भोपाल के भैरुपुरा के किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर खाद, बीज, सिंचाई करके टमाटर की फसल पैदा की। ट्रैक्टर किराए पर लेकर मजदूर लगाकर मंडी तक फसल लेकर आए लेकिन भोपाल में सब्जी मंडी बंद है और पुलिस गरीब किसानों पर डंडे बरसा रही है। किसानों की मानें तो उनके भूखे मरने की नौबत आ गई है।

एक तरफ तो कोरोना की वजह से हाहाकार मचा हुआ है, तो दूसरी तरफ बिना वक्त की बारिश से उनकी फसलें खराब होने की नौबत आ रही है। अब गरीब किसान करे तो क्या करे ... उनके पास इतनी फसल रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से अब टमाटर सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं।

कुछ महीने पहले रायसेन के किसानों ने भी सही दाम नहीं मिलने की वजह से ऐसे ही टमाटर को सड़कों पर फेंक दिया था। रायसेन के किसानों का कहना था कि जो टमाटर 30-35 रुपए किलो बिकता था, अब उसका दाम इतना गिर गया है कि एक क्रेट 40 रुपए में बिक रहा है। ऐसे में गरीब किसानों को फायदा तो दूर बीज खाद, मजदूरी, कीटनाशक का खर्चा तक नहीं निकल पा रहा है।

मजबूरी में किसानों ने अपने उत्पाद को जानवरों के खाने के लिए सड़कों पर फेंकना शुरू कर दिया है। यही हाल प्रदेश के अन्य जिलों में भी देखने को मिल रहा है। कुछ दिनों पहले सीहोर की सड़कें भी टमाटर से रंगी पड़ी थीं।