भोपाल। मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीदी शुरू नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं। किसानों को मजबूरन एमएसपी से काफी कम रेट में उपज मंडियों में बेचना पड़ रहा है। कांग्रेस ने इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार सिरोही ने आरोप लगाया कि कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने जानबूझकर गेहूं का रेट गिराया है।

दरअसल, मध्य प्रदेश में अबतक गेहूं की खरीदी शुरू नहीं हुई है। शासन द्वारा खरीदी में लेट होने के कारण किसानों को एमएसपी से काफी कम दाम पर उपज बेचना पड़ रहा है। इस वर्ष गेहूं की एमएसपी जहां 2125 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है। वहीं खरीदी शुरू नहीं होने के कारण मंडियों में किसान 1800 रुपए क्विंटल तक उपज बेचने को मजबूर हैं।

प्रदेश कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार सिरोही ने बताया कि जनवरी महीने तक बाजार में गेहूं की कीमत 3000 रुपए प्रति क्विंटल थी। लेकिन 25 जनवरी से केंद्र सरकार ने वेयरहाउसों में रखे गेहूं को ओपन मार्केट में बेचना शुरू कर दिया। 25 जनवरी को 30 लाख क्विंटल गेहूं बेचा गया और उसके बाद फरवरी में भी 20 लाख क्विंटल गेहूं बेचा गया। नतीजतन मार्केट में गेहूं जो 3100 रुपए क्विंटल तक था वो गिरकर एमएसपी से भी नीचे आ गया।

यह भी पढ़ें: भोपाल में कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन, राजभवन कूच कर रहे कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने चलाया वॉटर कैनन

केदार सिरोही ने आगे बताया कि केंद्र सरकार के इस कदम से मार्केट में गेहूं सरप्लस हो गया। केंद्र ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया जब किसानों की नई फसल आ रही थी। फसल काटने के बाद अब किसान गेहूं बेचना चाह रहे हैं तो उन्हें 1800 से 2000 रुपए क्विंटल बेचना पड़ रहा है। ऐसे में पांच हेक्टेयर में खेती करने वाले किसानों को 80 हजार रुपए तक का नुकसान हो रहा है।

सिरोही के मुताबिक यदि केंद्र सरकार ने 50 लाख क्विंटल गेहूं ओपन मार्केट में नहीं बेचा होता तो किसानों को नई फसल का दाम करीब 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल मिलते। गेहूं किसानों के लिए यह वज्रपात से कम नहीं है। इतना ही नहीं सरकार जानबूझकर एमएसपी पर खरीदी शुरू नहीं कर रही है ताकि किसान कम दाम में ही उपज बेच दें और उद्योगपतियों को इसका फायदा मिले।

यह भी पढ़ें: संसद में संग्राम: सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, दिग्विजय सिंह ने हंगामे के लिए सत्तापक्ष को बताया जिम्मेदार

किसान नेता सिरोही ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की इतनी खराब स्थिति औरंगजेब के शासनकाल में नहीं हुई थी, जितना इस भाजपा सरकार ने कर दिया है। उन्होंने कहा कि अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार किसानों की जेब काट रही है और किसान बेचारा अपनी किस्मत पर रो रहा है। 

बता दें कि कांग्रेस लगातार मांग कर रही है कि गेहूं का एमएसपी बढ़ाकर 3 हजार रुपए क्विंटल किया जाए। मध्य प्रदेश विधानसभा में भी कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी इस मुद्दे को उठा चुके हैं। निलंबन के बाद पटवारी ने आरोप लगाया कि वह गेहूं की एमएसपी बढ़ाने की मांग कर रहे थे, इस वजह से किसान विरोधी सरकार ने उन्हें सदन से निलंबित कर दिया। सोमवार को राजभवन घेराव के दौरान भी सांकेतिक विरोध के तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ता गेहूं की बालियां लेकर आए थे।