अक्सर आपने देखा होगा कि खिलाड़ी अपने वर्कआउट की शुरुआत रस्सी कूदने से करते हैं। इससे बॉडी की बैलेंस करने की कैपेसिटी इम्प्रूव होती है, और फुर्ती भी आती है। रस्सी कूदना और सीढ़ियां चढ़ना एक बेहतर व्यायाम साबित हो चुका है। इन दोनों एक्सरसाइज के लिए किसी तरह की कोई खास तैयारी नहीं करनी पड़ती है। रस्सी कूदने से पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। रोजाना 20 मिनट तक रस्सी कूदकर हफ्ते भर में करीब एक किलो तक वजन कम किया जा सकता है। इसके लिए किसी तरह की डाइटिंग की भी जरूरत नहीं होती। 

रस्सी कूदने की शुरुआत 20-30 रिपिटिशन के साथ की जा सकती है। फिर इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है। मनपसंद म्यूजिक के साथ आप इसे और बेहतर तरीके से कर सकते हैं। अगर कोई पार्टनर साथ हो तो फिर कहने ही क्या।

रोप स्किपिंग पूरी बॉडी की एक्सरसाइज है, इससे  बोन डेंसिटी, बोन मास बढ़ता है। आपको काफ, थाई, बैक बोन भी मजबूत होते हैं। रस्सी कूदने से घुटने के दर्द पर कोई असर नहीं पड़ता। जानकारों की कहना है कि रस्सी कूदने पर जोर पैर के एक हिस्से पर नहीं बल्की पूरे शरीर पर पड़ता है। लेकिन इस बात का ख्याल रखें की दर्द को नजर अंदाज नहीं करें। अगर आपके घुटने में पहले से दर्द है तो दर्द ठीक होने पर ही रस्सी कूदने की कोशिश करें, उससे पहले नहीं।

अगर आप रोजाना 10 मिनट तक रस्सी कूदते हैं तो 100 कैलोरी बर्न होती है। यह 8 मिनट तक रनिंग औऱ 12 मिनट स्वीमिंग करने जैसा रिजल्ट देता है। रोप स्किपिंग से एबडोमिल मसल्स, पैरों की मसल्स टोन होती हैं, शोल्डर और कलाई की मसल्स पर भी असर होता है। रस्सी कूदने में बाडी के साथ-साथ माइंड की भी एक्सरसाइज होती है, क्योंकि आप हाथ पैरों को मूवमेंट के साथ इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि आप का नेस्क्ट मूवमेंट क्या होगा। आप दोनों में बैलेंस बनाने की कोशिश करते हैं।

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अगर आप वेट कम करना चाहते हैं तो रोप स्किपिंग को अपनी एक्सरसाइज रूटीन में शामिल कर सकते हैं। वहीं बढ़ते बच्चों को भी रोप स्कीपिंग की सलाह दी जाती है। रस्सी कूदने से हाइट बढ़ती है, इससे रीढ़ की हड्डी के साथ साथ पैरों की काफ मसल्स में खिंचाव आता है, जिसके बाद नई मसल्स भी बनती है। बच्चे नियमित रूप से रस्सी कूदते हैं तो 5-6 महीने में हाइट में आसानी से फर्क देखा जा सकती है।

रस्सी कूदते समय आप तेज सांस लेते हैं, इससे लंग्स और हार्ट मजबूत होते हैं, स्टेमेना भी बढ़ता है। इससे रक्त संचार भी ठीक रहता है, स्वेटिंग से स्किन भी ग्लो करती है। यह हार्मोंस बैलेंस करने और डिप्रेशन कम करने में भी हेल्पफुल है।

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रोप स्किपिंग के शुरुआत में कई बार दर्द का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में थोड़ा आराम करने के बाद इसे दोबारा शुरु किया जा सकता है। एक साथ 100-200 बार रस्सी कूदने की बजाए, 10-20 से शुरुआत करें। और धीरे धीर बढ़ाते जाएं। रस्सी कूदते समय स्पीड एक जैसी रखें ताकि हार्ट रेट एक समान बना रहे। इससे फैट लॉस में आसानी होती है।

अगर रस्सी कूदते वक्त अगर आपकी सांस फूलने लगे तो रस्सी कूदना बंद करके थोड़ा रेस्ट करें। स्किपिंग के दौरान अच्छी क्वॉलिटी के स्पोर्ट्स शूज पहनना लाभदायक होगा। जब आप रस्सी कूदने में महारत हासिल कर ले तो आप उसके दूसरे पैटर्न जैसे डबल-फ़ुट हूप्स, सिंगल-फुट हूप्स, क्रिस-क्रॉस ट्राय कर सकते हैं।से आप कभी भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं, सुबह ताजी हवा में की गई एक्सरसाइज ज्यादा फायदेमंद होती है।