नई दिल्ली। अगर आप बुखार, दर्द, माइग्रेन या मसल्सपेन या फिर स्पॉन्डिलाइटिस, अर्थराइटिस आदि के दर्द से बचने के लिए पैरासिटामोल खाते हैं तो सावधान हो जाएँ। यह दवा आपको दर्द से कुछ समय के लिए राहत दे सकती है लेकिन इसका बुरा प्रभाव आपकी किडनी, लिवर और हार्ट के लिए खतरनाक हो सकता है। कॉम्बिनेशन दवाओं के अध्ययन के लिए सरकार की बनायी एक कमेटी का दावा है कि पेरासिटामोल और निमेसुलाइड केमिकल के संयोजन यानी कॉम्बिनेशन में बनी दवाएं इन्सानी स्वाश्थ्य के लिे बेहद हानिकारक हो सकती हैं। सरकार ने इसके खतरे को देखते हुए इन दवाओं की खरीद बिक्री पर रोक लगा दी है।  

असल में लोग अक्सर बुखार, सिर दर्द, माइग्रेन, मसल्स पेन, दांतों में दर्द, ऑर्थराइटिस पेन, स्पॉन्डाइलिट्स, ऑस्टियोऑर्थराइटिस, पीरियड का दर्द आदि में इन दवाओं का मनमाना इस्तेमाल करते हैं। जिसे लेकर काफी शिकायतें आ रही थीं। सरकार ने अब इस तरह के 14 फिक्स्ड डोज कंबिनेशन (FDCs) ड्रग्स पर पाबंदी लगा दी है।

जिन दवाओं पर पाबंदी लगायी गई है उनमें, निमेसुलाइड (Nimesulide) और पैरासिटामोल (Paracetamol) डिसपर्सिबल टैबलेट्स, क्लोफेनिरेमाइन मेलिएट (Chlopheniramine Maleate) और कोडाइन सिरप (Codeine Syrup) शामिल हैं। इन दवाओं के वितरण, निर्माण और बिक्री तीनों पर रोक रहेगी। सरकार ने शुक्रवार को जारी एक नोटिफिकेशन जारी कर यह सूचना दी है। यह गंभीर कदम एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के आधार पर उठाया गया है। 

जिन दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनके नाम निम्नलिखित हैं-
निमेसुलाइड + पेरासिटामोल गोलियां
क्लोफेनिरामाइन मैलेट + कोडीन सिरप
फोल्कोडाइन + प्रोमेथाजीन
एमोक्सिसिलिन + ब्रोमहेक्सिन
ब्रोमहेक्सिन + डेक्स्ट्रोमेथोर्फन + अमोनियम क्लोराइड + मेन्थॉल
पेरासिटामोल + जैसे संयोजन ब्रोमहेक्सिन+ फिनाइलफ्राइन + क्लोरफेनिरामाइन + गुआइफेनेसिन और सालबुटामोल + ब्रोमहेक्सिन

इन दवाओं से हो सकता है खतरा
विशेषज्ञ समिति का कहना है कि इन मिश्रण वाली दवाओं का कोई उपचारात्मक औचित्य नहीं है और इनसे खतरा हो सकता है इसीलिए व्यापक जनहित में इनके निर्माण, वितरण और बिक्री पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक अधिनियम-1940 की धारा 26 के तहत प्रतिबंध लगाना जरूरी है

2016 का फैसला                                                                                                                                                       एफडीसी ड्रग्स ऐसी दवाओं को कहा जाता है जिनमें दो या दो से अधिक एपीआई फिक्स्ड रेश्यो में होती हैं। सरकार ने 2016 में 344 ड्रग कंबिनेशनंस के निर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी। यह फैसला एक एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर लिया गया था। इस समिति का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया था। कमेटी का कहना था कि इन दवाओं को किसी साइंटिफिक डेटा के बिना मरीजों को बेचा जा रहा है। दवा बनाने वाली कंपनियों ने इस ऑर्डर को चुनौती दी थी। अभी जिन 14 एफडीसी को बैन किया गया है वे उन्हीं 344 ड्रग कंबिनेशंस का हिस्सा हैं।