कोरोना के तेजी से बढ़ते प्रवाह को देखते हुए देश भर में कोरोना वैक्‍सीन और दवाई को लेकर प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी क्रम में इंडेक्स मेडिकल कॉलेज को भी भारत सरकार के क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ़ इंडिया (CTRI) ने कोरोना की दवाई के क्‍लीनिकल ट्रायल की अनुमति दे दी है। कोरोना की सस्‍ती और सुरक्षित दवाई निर्माण का यह प्रोजेक्ट इंडेक्स कॉलेज के तीन विभागों के प्रमुख  मेडिसिन से डॉ. सुधीर मौर्य, फार्माकोलॉजी से डॉ. प्रेम न्याती तथा माइक्रोबायोलॉजी से डॉ. हर्षदा शाह के मार्ग दर्शन में होगा।

इंदौर के प्रसिद्ध इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के समक्ष डॉ. नेहा जायसवाल ने कोरोना की एक जेनेरिक, उपलब्ध व सुरक्षित दवा विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया। यह दवा वायरस के खिलाफ शारीरिक छमता को मजबूत बनाकर उसकी मारक क्षमता तथा प्रभाव की अवधि कम करने में सहायक हो सकती है।  कोरोना के बढ़ते असर को देखते हुए यह सस्‍ता और सुरक्षित उपचार हो सकता है। इस संभावना को देखते हुए इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की वैज्ञानिक एवं एथिक्‍स कमेटी की आपात बैठक आयोजित की गई। कमेटी ने विस्‍तृत चर्चा के बाद 18 जून को कोरोना दवाई निर्माण की इस रिसर्च को अनुमति दे दी।

इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की वैज्ञानिक एवं एथिक्‍स कमेटी की स्‍वीकृति के बाद इस प्रस्‍ताव को केंद्र सरकार की क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ़ इंडिया (CTRI ) के पास स्‍वीकृति के लिए भेजा गया। CTRI ने इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के इस प्रस्‍ताव को अनुमति प्रदान की है।

कोरोना का इलाज खोजने के लिए दुनिया में तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। विज्ञान मंत्रालय के अनुसार कोरोना के लिए अभी कोई विशेष दवा या वैक्सीन उपलब्ध होने में कुछ माह का समय लगेगा। यह इलाज काफी महंगा हो सकता है। ऐसे में यदि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की रिसर्च सफल हो जाती है तो कोरोना के उपचार के लिए भारत में तैयार एक सस्ता व सुरक्षित इलाज उपलब्‍ध होगा। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के इस रिसर्च प्रोजेक्‍ट को इसी उम्मीद के साथ विभिन्न कमिटियों तथा भारत सरकार ने क्लिनिकल ट्रायल की इजाजत दी है। 

कोरोना दवा पर पहला ट्रायल रजिस्‍टर्ड

विशेष बात यह है की अभी भारत में इस दवा पर इस सम्बन्ध में यह पहला ट्रायल रजिस्टर्ड हुआ है जबकि अमेरिका में यह प्रयोग चल रहा है। विभिन्न सरकारी फंडिंग एजेंसियों से  प्रस्तावित अनुमानित खर्च में मदद हेतु चर्चा जारी है। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया व डीन डॉ होलकर ने बताया कि आपत स्थिति और समय की मांग को देखते हुए आर्थिक सहायता की प्रतीक्षा किए बगैर ही प्रोजेक्ट प्रारंभ किया जा रहा है।