वजन कम करना किसी जंग जीतने से कम नहीं है। बरसों से जमा फैट और वजन चुटकियों में तो कम होने से रहा। लेकिन खुद को हेल्दी और प्रजेंटेबल दिखने के लिए लोग तरह की कोशिशें करते हैं। इन्ही में से एक है कैलोरी में कमी करना। ऐसा करने के लिए लोगों को अपनी मनपसंद चीजें त्यागनी पड़ती हैं।

कई बार लोग वेट लॉस के लिए अपनी सेहत से समझौता करने लगते हैं। जिससे उनके चेहरे की रौनक चली जाती है। आप अपनी डाइट में फेर बदल करके कैलोरी बैलेंस कर सकते हैं, वहीं कभी-कभार चीट मील भी हो जाए तो इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है।

बिना क्रैश डाइटिंग के वजन कम करना चाहते हैं तो एक स्मार्ट तरीका अपनाएं। जिसके तहत आप रेग्युलर तौर पर वेट ट्रेनिंग करें, इससे मसल्स डवलप होंगी, और आपका मेटाबालिज्म बूस्ट होगा इसके जरिए वेट धीरे-धीरे कम होने लगेगा। वहीं दूसरा तरीका है इंटरमिटेंट फास्टिंग। इस डाइट प्लान के तहत आपको लंबे समय तक भूखा रहना होता है। इस दौरान मील स्किप करना होता है। वहीं अपने खाना खाने का वक्त तय करना पड़ता हैं। लोग 12 से 15 घंटे के गैप के बाद अपना खाना खाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा करने से वेटलॉस में आसानी होती है।

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फिटनेस और हेल्थ के प्रति जागरूक लोगों में इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी पंसद की जाती है। इससे खाना पचाने के लिए शरीर समय मिल जाता है,  शरीर का एक्स्ट्रा फैट बर्न होता है, बॉडी डी-टॉक्स होती है।  

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वहीं अपने वेट के हिसाब से प्रति किलो 1 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर आपका वजन 60 किलो है तो आपकी डाइट में रोजाना 60 ग्राम प्रोटीन शामिल होना चाहिए। प्रोटीन को पचने में वक्त लगता है, पेट ज्यादा देर तक फुल रहने से भूख का एहसास नहीं होता। प्रोटीन को पचाने के लिए फैट की जरूरत होती है, और वजन कम होने लगता है।