हमें अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए कई तरह प्रोटीन कार्ब्स की जरूरत होती है। हम भोजन में हरी सब्जियां, फल आदि को शामिल करके इनकी कमी को पूरा भी कर लेते है। लेकिन हम भूल जाते है कि स्वस्थ रहने के लिए मिनरल्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी हमें आवश्यकता होती है। ये हमारे लिए बहुत जरूरी है। इसी तरह आयोडीन भी एक जरूरी मिनरल है जिसकी कमी अगर शरीर में हो जाए तो थायराइड की बीमारी हो सकती है। आयोडीन एक खनिज है, जो मानव शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसकी कमी से कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। जिन्हें आमतौर पर आयोडीन की कमी से होने वाले रोग IDD के रूप में जाना जाता है। इतना ही नहीं इसके साथ साथ कई अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती है। वही आयोडीन की कमी आपके ब्रेन को भी बुरी तरह डैमेज कर सकती है। इसी को देखते हुए हमारी सेहत में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 अक्तूबर को वर्ल्ड आयोडीन डिफिशिएंसी डे मनाया जाता है। आइए इस मौक़े पर जानते है आयोडीन की कमी कैसे होती है, क्या वजह होती है।

आयोडीन की कमी क्या होती है ?

थायरॉयड हॉर्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन बेहद ज़रूरी होता है। जब आयोडीन का सेवन कम हो जाता है, तो इससे थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन का संश्लेषण करने में असमर्थ हो जाती है। आयोडीन की कमी थायरॉयड से जुड़ी बीमारियों का सबसे आम कारण है। गंभीर होने पर, बच्चों में अपरिवर्तनीय मस्तिष्क क्षति और बौद्धिक हानि हो सकती है। इसकी वजह से मृत जन्म और गर्भपात भी हो सकता है।

आयोडीन की कमी किस वजह से होती है ?

मानव शरीर आयोडीन नहीं बनाता और इसलिए इसे हमारी डाइट का ज़रूरी हिस्सा होना चाहिए। साथ ही आयोडीन खाने में प्राकृतिक तौर पर नहीं होता, जैसे कि आयरन, विटामिन और कैल्शियम जैसे दूसरे पोषक तत्व। आयोडीन मिट्टी में मौजूद होता है और मिट्टी में उगाए गए खाद्य पदार्थों के माध्यम से ग्रहण किया जाता है। यह खाद्य उत्पादों में आयोडीन की कम सांद्रता और लोगों में अपर्याप्त आयोडीन सेवन का कारण बनता है। भारत में, हमारी मिट्टी में आयोडीन की कमी है, जिसकी वजह से लोग भी आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों (IDD) से ग्रस्त हैं। पर्वत श्रृंखलाओं और बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों की मिट्टी में आयोडीन की कमी होती है।

 

 

आयोडीन की कमी से क्या होता है?

आयोडीन की कमी के कारण शरीर का आयोडीन स्तर कम हो जाता है और थायरॉयड ग्रंथि थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन करने में असमर्थ हो जाती है। इसकी वजह से आयोडीन की कमी से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं। अगर शिशु या फिर छोटे बच्चों को पर्याप्त आयोडीन न मिले, तो इसका असर उनके विकास पर पड़ता है।

बता दें महिलाओं में आयोडीन की कमी की वजह से गॉइटर हाइपोथायरॉयडिज़्म हाइपोथायरायडिज्म के कारण प्रजनन संबंधी समस्याएं गर्भावस्था की समस्याएं जैसे गर्भपात, मृत जन्म, जन्मजात विसंगतियां बड़े बच्चों में आयोडीन की कमी से हाइपोथायरॉयडिज़्म हो सकता है और स्कूल का प्रदर्शन खराब हो सकता है और विकास पर भी बुरा असर पड़ सकता है।