हांगकांग। हांगकांग के ताई पो जिले में बुधवार दोपहर शुरू हुई आग ने भरी तबाही मचा दी है। वांग फुक कोर्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में लगी इस भीषण आग में अब तक 44 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 279 लोग अब भी लापता हैं। 4000 से ज्यादा लोगों वाला यह कॉम्प्लेक्स बुजुर्ग आबादी के लिए जाना जाता है और हादसे के समय बड़ी संख्या में 65+ उम्र के लोग अपने घरों में मौजूद थे।

आग की शुरुआत दोपहर लगभग 3 बजे वांग चेओंग हाउस नाम की 32 मंजिला इमारत से हुई। फिलहाल इस टावर में मरम्मत का काम हो रहा था और पूरी बिल्डिंग ऊंची बांस की स्कैफोल्डिंग से ढकी हुई थी। शुरुआती जांच के मुताबिक, आग ने सबसे पहले इसी बांस और उस पर लगी पॉलीस्टाइरीन फोम शीट्स को पकड़ा जो कुछ ही मिनटों में धधकती हुई तीलियों की तरह सुलगकर नीचे गिरने लगीं। गिरती हुई जलती मचान ने आग को पड़ोसी टावरों तक पहुंचा दिया और देखते ही देखते आठ में से सात हाई-राइज ब्लॉक आग की चपेट में आ गए।

दमकल विभाग को कॉल मिलते ही 128 फायर ट्रक, 57 एंबुलेंस और करीब 888 रेस्क्यू कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया, लेकिन हालात उम्मीद से कहीं ज्यादा गंभीर थे। कई टावरों की ऊपरी मंजिलों तक पहुंचना संभव नहीं हो पाया। अंदर तापमान इतना बढ़ गया कि फायरफाइटर्स को बार-बार पीछे हटना पड़ रहा था। कई परिवार अपने फ्लैट में ही फंस गए और उन्हें दरवाजे-खिड़कियां सील कर धुएं को रोकने की सलाह दी गई।

18 घंटे से ज्यादा समय तक जलती रही यह आग हांगकांग की सबसे गंभीर लेवल-5 श्रेणी में दर्ज की गई है। अस्पतालों में 66 घायलों का इलाज चल रहा है, जिनमें 17 की हालत बेहद नाजुक है। रात भर चले रेस्क्यू में एक बच्चा और एक बुजुर्ग महिला को जिंदा बाहर निकाला गया लेकिन इसी दौरान 37 साल के एक बहादुर फायरफाइटर ने लोगों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी। सरकार ने उन्हें समर्पित और साहसी योद्धा बताते हुए श्रद्धांजलि दी।

हादसे के बाद बांस की स्कैफोल्डिंग को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। यह निर्माण तकनीक हांगकांग की पुरानी परंपरा है लेकिन इस बार इसी की वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया। ज्वलनशील सामग्री के इस्तेमाल के आरोप में तीन कंस्ट्रक्शन कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। उन पर आपराधिक लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया गया है।