अफगानिस्तान के पूर्वी नांगरहार प्रांत की एक जेल पर हुए आतंकवादी हमले में 29 लोगों की मौत होने की सूचना है। यह हमला रविवार (02 अगस्त) को आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने किया था। इस हमले में 29 लोग मारे गए हैं वहीं 50 से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। करीब 20 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में आठ हमलावरों के मारे जाने की भी खबर है। बताया जा रहा है कि हमले के दौरान जेल में बंद तकरीबन 300 कैदी जेल से फरार हो गए। खुद को इस्लामिक स्टेट कहने वाले चरमपंथी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। बता दें कि जेल में इस आतंकवादी समूह के सैकड़ों सदस्य बंदी हैं। 

नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में रविवार की शाम को बंदूकधारी आतंकियों ने पहले जेल के प्रवेश द्वार पर कार में रखे बम से धमाका किए। उन्होंने विस्फोटक से भरे आत्मघाती कार को गेट से टकराया इसके उपरांत बंदूकधारी हमलावरों में ताबड़तोड़ गोलियां दागना शुरू कर दिया। समाचार एजेंसी एफपी ने सुरक्षाकर्मियों के सूत्रों के हवाले से बताया है कि जेल में कुल 1,793 कैदी थे जिनमें ज्यादातर तालिबानी और आईएस लड़ाके थे। वहीं कुछ कैदी ऐसे भी थे जिनपर आम अपराधों के आरोप हैं। हालांकि इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि हमलावर कितने संख्या में थे। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमले के दौरान जेल से भागने वाले करीब 1025 बंदियों को पकड़कर दुबारा जेल में डाल दिया गया है वहीं 300 कैदी अब भी लापता हैं। हालांकि खबर लिखे जाने तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि हमलावरों का मुख्य मकसद कोई खास आतंकी को जेल से छुड़ाने का था। इस दौरान मारे गए 29 लोगों में आम नागरिक, कैदी, जेल के गार्ड और अफगान सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। बता दें कि यह जेल गवर्नर कार्यालय से महज 700 मीटर की दूरी पर है। 

अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी ने एक दिन पहले ही बताया था कि अफगान विशेष बलों ने जलालाबाद के निकट आईएस के एक शीर्ष आतंकी कमांडर को मार गिराया है। तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने कहा है कि जलालाबाद जेल हमले में उनका समूह शामिल नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमारा संघर्ष विराम चल रहा है और देश में कहीं भी इस तरह के हमले में हम शामिल नहीं हैं।' बता दें कि तालिबान ने ईद के मद्देनजर शुक्रवार से तीन दिन के संघर्ष विराम का ऐलान किया था।