रविवार शाम को पूरे गुजरात में भूकम्प के तेज़ झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र राजकोट से 122 किलो मीटर उत्तर - पश्चिम में रहा। भूकम्प की वजह से किसी भी नुकसान की सूचना अब तक सामने नहीं आई है। मगर 2001 की तबाही याद कर गुजरात के लोग सहम गए। वे दहशत में घरों से बाहर निकल आए।



गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में लगातार नियमित अंतराल पर भूकम्प आ रहे हैं। इसके साथ ही चक्रवात आने के कारण भी बंगाल, ओडिशा और महाराष्ट्र में लोगों को आपदा से जूझना पड़ रहा है। रविवार को गुजरात में भूकम्प आया जिस वजह से लोगों के बीच डर और दहशत ने घर कर लिया है।





 



समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार गुजरात में रविवार रात 8 बजकर 13 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक इसकी तीव्रता 5.5 थी और इसका केंद्र राजकोट से 122 किमी उत्तर-उत्तर पश्चिम में था। इस भूकंप से जान माल के नुकसान का समाचार नहीं है मगर लोगों में दहशत काफी है। जैसे ही भूकंप के कारण धरती हिली लोग डर गए और घरों से बाहर आ गए। कच्छ में भूकंप के कारण कई लोगों के घरों मे दरारें आ गई हैं। लोगों के डर का कारण 2001 में कच्छ में आया भूकंप भी है। कच्छ में जनवरी 2001 में आया भूकंप सबसे ज्‍यादा विनाशकारी भूकंप में से एक था।  26 जनवरी 2001 को गुजरात के भुज में भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई। इससे हजारों लोग मारे गए थे और लाखों घर क्षतिग्रस्त हो गए थे।



दिल्ली एनसीआर भूकंप से ज़्यादा प्रभावित



हाल ही के दिनों में देश की राजधानी दिल्ली भूकंप से दहल उठी है। बीते दो तीन महीनों में दिल्ली और उसके आस पास के क्षेत्रों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। पिछले दो महीने में दिल्ली - एनसीआर में दस से ज़्यादा दफा भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर, झारखंड और कर्नाटक में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।