ओरलांडो। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अमेरिका के नए राष्ट्रपति के लिए हो रहे चुनाव में पूरे जोश-शोर से उतर पड़े हैं। वे डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन के लिए पूरी ताकत से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ओबामा का यह चुनाव प्रचार मुख्य रूप से कड़ी टक्कर वाले राज्यों में केंद्रित है। इनमें फ्लोरिडा, नॉर्थ कैरोलाइना, विस्कॉन्सिन, पेन्सिलवेनिया, मिशिगन और ओहायो प्रमुख हैं। इसी क्रम में ओबामा फ्लोरिडा के ओरलांडो में रैली निकालने वाले हैं। बीते दिनों में वे दूसरी बार फ्लोरिडा में मौजूद होंगे। फ्लोरिडा के कई पोल्स में जो बाइडेन बहुत हल्की बढ़त बनाए हुए हैं। 

दरअसल, बराक ओबामा के कार्यकाल में जो बाइडेन उनके उप-राष्ट्रपति थे। जो बाइडेन और बराक ओबामा काफी अच्छे दोस्त भी हैं। इसलिए ओबामा एक डेमोक्रेट नेता और एक दोस्त, दोनों  हैसियत से बाइडेन का चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इससे पहले ओबामा ने मायामी में 24 अक्टूबर को एक चुनावी रैली की थी। जहां उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था। उन्होंने कहा था कि ट्रंप केवल इसलिए दोबारा राष्ट्रपति बनना चाहते हैं ताकि वे अपना और अपने दोस्तों का भला कर सकें। 

पिछली बार के राष्ट्रपति चुनाव में कड़ी टक्कर वाले कई राज्यों में नतीजों का अंतर बहुत कम रहा था। इन राज्यों ने ट्रंप की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। दरअसल, अमेरिकी चुनावी व्यवस्था के तहत जरूरी नहीं है कि ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार ही चुनाव जीतें। हर राज्य में कुछ इलेक्टोरल कॉलेज होते हैं, जो उम्मीदवार किसी राज्य में सर्वाधिक वोट जीतता है, उसे उस राज्य के सभी इलेक्टोरल कॉलेज मिल जाते हैं। फिर भले ही जीत का अंतर केवल एक वोट रहा हो। इस तरह से कड़ी टक्कर वाले राज्यों में करीब 100 इलेक्टोरल कॉलेज हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए 270 इलेक्टोरल कॉलेज की जरूरत है।