नई दिल्ली। 
श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक हालात और देश में लगाई गई इमरजेंसी के बाद शुक्रवार देर रात पूरे मंत्रिमंडल ने तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को सौंप दिया है। पूरी कैबिनेट के इस्तीफा देने के बाद देश के शिक्षा मंत्री और सदन के नेता दिनेश गुणवर्धन ने कहा है कि कैबिनेट मंत्रियों ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालाँकि, उन्होंने सामूहिक इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया है। जबकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की गलत नीतियों के कारण मंत्रियों पर जनता का भारी दबाव था। इसी के चलते कैबिनेट में शामिल 26 मंत्रियों ने सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री राजपक्षे को इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में श्रीलंका के प्रधानमंत्री के बेटे नमल राजपक्षे भी शामिल हैं।

इस बीच श्रीलंका में लगाए गए 36 घंटे के कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए पूरे देश में रविवार को जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए। श्रीलंका के सबसे बड़े शहर कोलंबो के अलावा कैंडी में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया। कैंडी में छात्रों के प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछारों और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। छात्रों के अलावा गुस्साई जनता भी सड़कों पर उतरकर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की। बता दें कि 31 मार्च को ऐसी ही एक गुस्साई भीड़ ने राजपक्षे के निजी आवास को घेरने का प्रयास किया था। इसके बाद ही सरकार ने शुक्रवार से देश में आपातकाल लगा दिया था।

इस बीच सरकार की ओर से सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप्प और अन्य पर लगाई गई पाबंदी को हटा लिया गया है। पाबंदी के कारण पूरे देश में 15 घंटे तक सोशल साइट्स ब्लॉक रही। हालाँकि, रविवार को पूरे देश में होने वाले विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सोशल साइट्स पर पाबंदी लगाई गई थी। पर इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।