मास्को। भारत में सबसे पहले मिलने वाला कोरोना वायरस का खतरनाक डेल्टा स्ट्रेन ने दुनियाभर के देशों को चिंतित कर दिया है। देश में कहर बरपाने के बाद डेल्टा स्ट्रेन ने विदेशों की ओर रुख कर दिया है। इस खतरनाक वेरिएंट ने रूस की राजधानी मास्को में कोहराम मचा दिया है। मास्को में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से उछाल दर्ज किए गए हैं। चिंता की बात यह है कि इनमें से 89.3 फीसदी केस डेल्टा वेरिएंट के हैं।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब साढ़े चार महीने बाद शुक्रवार को रूस में 17 हजार 262 नए मामले दर्ज किए गए। इनमें से 9 हजार 56 केस सिर्फ राजधानी मास्को में मिले हैं। इसके एक दिन पहले देशभर में 14 हजार लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे। रूस में संक्रमितों की कुल संख्या 52 लाख 81 हजार से अधिक हो गई है। इनमें से 1 लाख 28 हजार 445 मरीजों की मौत हुई है। 

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खास बात यह है कि रूस के स्पूतनिक-V वैक्सीन को ही डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ सबसे ज्यादा असरदार माना जाता है। इसी वजह से रूस की सरकार ने स्पूतनिक को तेजी भारत भेजने का निर्णय लिया था। जबकि खुद रूस अपने 9.9 फीसदी आबादी को ही टीका लगा पाया है। रूस दुनिया में कोरोना वैक्सीन को अप्रूव करने वाला देश भी है। रूस से काफी बाद वैक्सीन अप्रूव करने वाला अमेरिका अबतक 44 फीसदी नागरिकों को वैक्सीनेट कर चुका है, वहीं भारत की बात करें तो यहां महज पांच फीसदी आबादी ही पूरी तरह से टीकाकृत हुई है।

ब्रिटेन में बढ़ाना पड़ा लॉकडाउन

कोरोना महामारी की दो लहरों का सामना करने वाले ब्रिटेन में भी डेल्टा वैरिएंट का कहर देखने को मिल रहा है। इसी के साथ ब्रिटेन में तीसरी लहर की आहट है। पिछले एक हफ्ते में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के 33 हजार 630 मामले बढ़ गए हैं। इससे डेल्टा के कुल मामले 75 हजार 953 हो गए हैं। ब्रिटिश हेल्थ एजेंसी की मुख्य कार्यकारी जेनी हैरिस ने बताया की देशभर में चार महीने बाद पहली बार शुक्रवार को 24 घंटे में 11 हजार सात नए मामले सामने आए हैं। नतीजतन देश में लॉकडाउन की सभी पाबंदियों को 21 जून से खत्म करने की योजना को चार हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है।