लंदन।

दुनिया भर मेें कोरोना वायरस 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। तीन लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं सिर्फ चीन और इटली में ही मरने वालों का आंकड़ा 7 हजार के पार है। कई देशों की सरकारों ने एहतियातन लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. अब लॉकडाउन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का बयान सामने आया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो केवल किसी राज्य अथवा देश को लॉकडाउन करने से कोरोना वायरस को फैलने से नहीं रोका जा सकता है। संगठन के आपातकाल विशेषज्ञ माइक रायन का मानना है कि बाद में फिर से इस वायरस के प्रभाव में आने से बचने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत होगी।

माइक रायन ने इसके लिए चीन, सिंगापुर और साउथ कोरिया का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इन देशों ने सख्ती के साथ बचाव उपाय किए और हर संदिग्ध की जांच की। एक बार जब इसे फैलने से रोक दिया जाए तो इसके बाद भी इसकी समीक्षा करनी होगी।

रिपोर्ट्स के अनुसार, माइक रायन ने कहा, 'हमें अभी इस बात पर फोकस करने की जरूरत है कि जो बीमार हैं, जो इस वायरस से ग्रसित हैं, उन्हें आइसोलेट किया जाना चाहिए। वो लोग किनके संपर्क में आए थे, उनका पता लगाना चाहिए और उन्हें भी आइसोलेट करना चाहिए। अगर हम सख्त तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को नहीं अपनाते हैं, तो लॉकडाउन के साथ भी खतरा बरकरार है। जब लॉकडाउन या अन्य पाबंदियां हटेंगी तो यह बीमारी फिर से लोगों को अपना शिकार बनाएगी।'

उन्होंने आगे कहा कि कई देशों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन बनाने की कवायद जारी है। अभी तक सिर्फ अमेरिका ने इसका परीक्षण किया है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में भी इसपर काम चल रहा है और इसमें एक साल भी लग सकता है लेकिन लोगों को इससे बचने के जरूरी कदम खुद उठाने होंगे।