नौतपे के कारण तप रहे मध्‍यप्रदेश के लिए यह खबर गर्मी से राहत लेकर आई है। गुरुवार को पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने से देश में अनेक स्‍थानों पर मौसम में परिवर्तन आया है। इस बदलाव के कारण मध्‍यप्रदेश में प्री-मानसून एक्टिविटी आरंभ हो गई है। गुरुवार को सबसे ज्यादा गर्मी झेल रहे बुंदेलखंड, विंध्य, चंबल के कई इलाकाें में बारिश हुई। राजधानी भोपाल में में पारा 0.3 डिग्री लुढ़ककर 43.5 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून एक जून को केरल पहुंचा सकता है। पहले विभाग ने इसके 5 जून को केरल पहुंचने के आसार जताए थे। मौसम केंद्र ने विभाग ने 29 मई से एक जून तक पूर्वी व पश्चिमी मप्र में कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बारिश होने और ठंडी हवाएं चलने का यलो अलर्ट जारी किया है।

बंगाल की खाड़ी में 17 मई से स्थिर पड़ा मानसून फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि 31 मई से चार जून के बीच अरब सागर में बनने वाले निम्न दबाव क्षेत्र में मानसून को जबरदस्त सक्रियता मिलेगी। इससे यह एक जून तक केरल में दस्तक दे सकता है। इसके पहले मौसम विभाग का अनुमान था कि केरल में पांच जून तक मानसून पहुंचेगा। अब आकलन है कि मानूसन दक्षिण अंडमान सागर में सक्रिय होते हुए मालदीव के कुछ हिस्सों में छा गया है। अगले 48 घंटों में यह मालदीव को भिगोते हुए आगे बढ़ेगा। इस दौरान अरब सागर में बन रहे निम्न दबाव क्षेत्र से इसे फायदा होगा और एक जून तक यह केरल में दस्तक दे देगा।

मध्‍य प्रदेश सेहित उत्तर भारत में इस समय बहुत तेज गर्मी है। कई इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा चुका है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अरब सागर में निम्न दबाव क्षेत्र और कश्मीर के ऊपर एक पश्चिमी विक्षोभ के परिणामस्वरूप उत्तर भारत में अगले दो-तीन दिन में तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की कमी आ सकती है।

यही कारण है कि गुरुवार को एमनीके नरसिंहपुर को छोड़कर कहीं भी 45 डिग्री से ऊपर तापमान नहीं रहा। बुधवार को सबसे अधिक गर्म स्‍थानों में शुमार नौगांव, खजुराहो, रीवा सतना सहित कई स्‍थानों पर गुरुवार शाम बारिश हुई है। इस कारण शुक्रवार को यहां पारा अधिक ऊपर नहीं जाने का अनुमान है।