अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत गंदगी से भरा हुआ है। उन्होंने यह बात जलवायु परिवर्तन को लेकर अमेरिका की अच्छी तस्वीर पेश करने के लिए कही। ट्रंप ने भारत को चीन और रूस की श्रेणी में रखते हुए कहा कि ये देश बहुत गंदे हैं, इनकी हवा खराब है। ट्रंप ने कहा कि वे अमेरिका को पेरिस समझौते से बाहर लाए हैं और जलवायु को लेकर अमेरिका बहुत अच्छा कर रहा है। 

ट्रंप से जब भी मुलाकात होती है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लपककर गले मिलते हैं और ट्रंप को अपना बेहद करीबी दोस्त बताते नहीं थकते। यहां तक कि वे अमेरिका में जाकर ट्रंप के लिए वोट देने की अपील तक कर चुके हैं। ऐसे में क्या अब भारत के लोग यह उम्मीद कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री अपने दोस्त को भारत पर ऐसी घटिया टिप्पणी करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहेंगे? या फिर दोस्ती की वजह से भारत को दी गई गाली को बर्दाश्त कर लेंगे? वैसे ट्रंप ने इससे पहले अपनी पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में भी भारत का जिक्र अपमानजक ढंग से किया था। अमेरिका को कोरोना वायरस के खिलाफ अच्छी स्थिति में दर्शाने के लिए ट्रंप ने कहा था कि भारत ने कोरोना के झूठे आंकड़े दिए हैं। उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया था। 

इससे पहले तीन नवंबर को मतदान से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच बहुप्रतीक्षित डिबेट हुई। इस दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ट्रंप के ऊपर लगातार हमलावर रहे। बाइडेन ने अर्थवयवस्था, कोरोना वायरस, नस्लवाद, पुलिस बर्बरता, विदेश नीति इत्यादि मुद्दों पर ट्रंप को घेरा।

इस डिबेट के लिए आयोजकों ने विशेष व्यवस्था की। इस बार दूसरे के जवाब को सुनने के लिए पहले उम्मीदवार के माइक को 10 मिनट बंद करने की व्यवस्था की गई। इससे पहले डिबेट पहले की तरह भटकी नहीं। हालांकि, बीच बीच में ऐसे कई मौके आए।